अब लोगों के लिए नहीं रहे फुटपाथ
जागरण संवाददाता दुमका कहने के लिए दुमका को उपराजधानी का दर्जा मिला है। शहर का ऐसा
जागरण संवाददाता, दुमका : कहने के लिए दुमका को उपराजधानी का दर्जा मिला है। शहर का ऐसा कोई चौक चौराहा नहीं है, जहां लोगों के चलने के लिए फुटपाथ खाली हों। हर फुटपाथ पर दुकानदारों ने कब्जा कर अपना एक छत्र राज कर लिया है। जिस कारण आम लोग ही नहीं गुजरने वाले हर अधिकारी को परेशानी से दो दो हाथ नहीं करना होता है, इसके बाद भी फुटपाथ को खाली कराने की दिशा में गंभीरता से प्रयास नहीं किया गया है।
पहले हम बात करते हैं वीर कुंवर सिंह से लेकर नगर परिषद चौक की। करीब मीटर की दूरी में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, जिला परिषद कार्यालय, सदर पुलिस निरीक्षक और जिला शिक्षा अधीक्षक का कार्यालय है। इतना ही नहीं परिवहन कार्यालय का मुख्य द्वार इसी रास्ते में आकर खुलता है। कोआपरेटिव आफिस है। इतने महत्वपूर्ण कार्यालय होने के बाद भी फुटपाथ पर केवल दुकानदारों का कब्जा है। कई साल से वे लोग दुकान लगाते आ रहे हैं। इसका खामियाजा हर किसी को भुगतना पड़ता है। रोज लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है। ----------------------
जब मन करता है करा लिया जाता है खाली
ऐसा नहीं है कि जिला प्रशासन को फुटपाथ पर कब्जे की जानकारी नहीं है। जब कभी भी शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है तो दुकान को हटा दिया जाता है। चेतावनी तक दी जाती है कि अगर फिर से दुकान दिखी तो सारा सामान जब्त कर लिया जाएगा। जैसे ही प्रशासन का जोश ठंडा पड़ने लगता है, दुकानें फिर से सजने लगती है।
--------------------- सप्ताह में दो दिन हालात बद से बदतर
सोमवार और शुक्रवार को हटिया लगता है। इसमें दूर दराज से दुकानदार के अलावा लोग भी आते हैं। सड़क किनारे कपड़ों की कई और दुकानें लगती हैं। इन दो दिन में यहां होने वाली भीड़ से जाम की स्थिति बन जाती है। कई बार कार्यालय के अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी किसी ने फुटपाथ को खाली कराने की दिशा में सकारात्मक प्रयास नहीं किया। लिहाजा दुकानदारों की मनमानी और अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ता है।
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वर्जन
फुटपाथ को कब्जे से मुक्त कराने के लिए पहले भी कई बार प्रयास किया गया था। एक दो दिन के अंदर फिर से कड़ाई के साथ फुटपाथ खाली कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस बार ठोस व्यवस्था की जाएगी।
गंगा राम ठाकुर, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद