जवानों के रक्त से कई को मिलेगी नई ¨जदगी
दुमका : विश्व रक्तदान दिवस पर नक्सलियों से टक्कर लेने वाले सशस्त्र सीमा बल के 30 जवानों ने गुरुवार
दुमका : विश्व रक्तदान दिवस पर नक्सलियों से टक्कर लेने वाले सशस्त्र सीमा बल के 30 जवानों ने गुरुवार को रक्तदान किया। विजयपुर स्थित कैंप में रहने वाले इन जवानों के खून से कई लोगों को नई ¨जदगी मिलेगी।
कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए द्वितीय कमान अधिकारी संजय गुप्ता ने कहा कि आज भी बहुत से लोग जिनके मन में यह बात घर कर गई है कि रक्त देने से शारीरिक व्यवधान आ सकते हैं। ऐसे लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि एक साल में चार बार रक्त देने से शरीर स्वस्थ रहता है। शरीर में जो खून बनता है वह 90 दिन में खराब हो जाता है। रक्तदान महादान है और हर किसी को इसके लिए आगे आना चाहिए। कहा कि जवान भी अपने करीबियों को इसके लिए प्रेरित करें। एक बार खून देने के बाद तीन माह तक नहीं दिया जा सकता है। डाक्टर भी ऐसा करने की अनुमति नहीं देते हैं। डिप्टी कमांडेंट जयंत कुमार पाठक ने कहा कि एसएसबी पहले से सामाजिक कार्य में भाग लेती रही है। भारत में हादसों की वजह से लाखों जिदंगी खराब हो रही है। लोगों को बिना संकोच के रक्त दान के लिए आगे आना चाहिए। सदर अस्पताल के डाक्टर एके ¨सह ने कहा कि दुमका में बड़ी संख्या में लोगों को आज भी खून की जरूरत है। एनीमिया प्रभावित लोगों का खून नहीं लिया जा सकता है। रक्त से बड़ा कोई दान नहीं है। समारोह के बाद संजय गुप्ता ने रक्तदान शिविर का उदघाटन किया और पहला रक्तदाता बनकर दूसरे जवानों को प्रेरित किया। करीब 30 जवानों ने शिविर में रक्तदान किया।