बाबा को तिलक में मिलेगा सोने की अंगूठी
फौजदारी बाबा बासुकीनाथ में वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार 30 जनवरी को बसंत पंचमी के मौके पर देर शाम बाबा नागेशनाथ का तिलकोत्सव पूरी विधि विधान व परंपरागत तरीके से होगा। मंदिर प्रभारी सह जरमुंडी बीडीओ कुंदन भगत ने बताया कि सभी प्रकार की तैयारियों को अंतिम रूप देने की कोशिश की जा रही है।
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संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ(दुमका) फौजदारी बाबा बासुकीनाथ में वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार 30 जनवरी को बसंत पंचमी के मौके पर देर शाम बाबा नागेशनाथ का तिलकोत्सव पूरी विधि विधान व परंपरागत तरीके से होगा। मंदिर प्रभारी सह जरमुंडी बीडीओ कुंदन भगत ने बताया कि सभी प्रकार की तैयारियों को अंतिम रूप देने की कोशिश की जा रही है। पुजारी सदाशिव पंडा, दिनेश बाबा एवं डब्लू चौधरी ने बताया कि धाíमक अनुष्ठान में बतौर यजमान मंदिर प्रभारी सह जरमुंडी बीडीओ सपत्नीक भाग लेंगे।
बीडीओ ने बताया कि बाबा भोलेनाथ माता पार्वती के लिए नूतन वस्त्र व आभूषण समर्पित किए जाएंगे। बाबा को सोने की अंगूठी, चांदी का बाजुबंद, पीतांबरी वस्त्र, कांसा एवं पीतल के बर्तन समेत अन्य सामग्री चढ़ायी जाएगी। माता पार्वती को भी नए वस्त्र एवं आभूषण अíपत किए जाएंगे। परंपरा हंडवा स्टेट के जमाने से चली आ रही पंरपरा
तिलकोत्सव करने की परंपरा हंडवा स्टेट के जमाने से चली आ रही है। तिलक चढ़ाने के लिए दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फपुर, वैशाली, समस्तीपुर समेत सम्पूर्ण मिथिलांचल, कोशी समेत देश के अन्य भागों से बड़ी संख्या में शिवभक्त देव दरबार में आ रहे है। ये सभी खुद को तिलकहरू मानते है एवं बसंत पंचमी के देर रात बाबा का तिलकोत्सव के अवसर पर खूब धूमधाम से मनाते हुए अबीर गुलाल की होली खेलते है। इस अवसर पर एक दिन पूर्व से ही बाबा मंदिर परिसर के अलावे बासुकीनाथ क्षेत्र के कई अन्य जगहों पर तिलकहरूओं की कई टोलियां ढ़ोलक, हारमोनियम, झाम, झांझ, घण्टा, करताल, मांजर की धुन पर महाकवि विद्यापति के शिवजी पर आधारित गीतों एवं भजनों की प्रस्तुति करते नजर आ जाते है।