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रद हो सकता दुमका के सभी पेट्रोल पंप का लाइसेंस

दुमका : पिछले कई महीने से बार बार नोटिस के बावजूद जिले के किसी भी पेट्रोल पंप के मालिक अपने पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र यानी पीयूसी सेंटर स्थापित करने के प्रति गंभीर नहीं है। उनकी इस उदासीनता से नाराज विभाग ने कड़ी कार्रवाई का मूड बना लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 07:26 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 07:26 PM (IST)
रद हो सकता दुमका के सभी पेट्रोल पंप का लाइसेंस
रद हो सकता दुमका के सभी पेट्रोल पंप का लाइसेंस

दुमका : पिछले कई महीने से बार बार नोटिस के बावजूद जिले के किसी भी पेट्रोल पंप के मालिक अपने पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र यानी पीयूसी सेंटर स्थापित करने के प्रति गंभीर नहीं है। उनकी इस उदासीनता से नाराज विभाग ने कड़ी कार्रवाई का मूड बना लिया है। विभाग ने निर्णय लिया है कि प्रतिवर्ष होनेवाले पेट्रोल पंप का लाइसेंस का नवीकरण तबतक नहीं किया जाएगा, जबतक उनके पेट्रोल पंप पर पीयूसी सेंटर नहीं लगा लिया जाता है। इतना ही नहीं अगर जल्द पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं की जाती है तो विभाग पंप का ट्रेड लाइसेंस रद करने की कार्रवाई करेगा। यहां बता दें कि दुमका शहरी व ग्रामीण इलाकों में कुल 17 पेट्रोल पंप चल रहे हैं लेकिन एक में भी अब तक विभागीय चेतावनी का कोई असर नहीं पड़ा है।

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क्या है मामला : दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उक्त आदेश के आलोक में सरकार ने राज्य के सभी जिलों में के पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र अनिवार्य रूप से लगाए जाने को लेकर परिवहन विभाग को आदेश दिया है। इस आदेश के बावजूद दुमका जिला के एक भी पेट्रोल पंप पर पीयूसी सेंटर स्थापित नहीं किया गया है। जिला परिवहन विभाग ने सभी 17 पेट्रोल पंप मालिकों को आधा दर्जन बार नोटिस दिया लेकिन इसका कोई असर पंप मालिकों पर नहीं पड़ा। हाल ही में डीसी के स्तर पर भी पंप मालिकों को अविलंब पीयूसी सेंटर स्थापित करने को लेकर निर्देश अखबारों में विज्ञापन देकर किया गया लेकिन उसके बावजूद भी एक भी पंप मालिकों ने सेंटर स्थापित करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। बाध्य होकर विभाग ने पंप मालिकों का लाइसेंस ही रद करने का मन बना लिया है।

आखिर क्यों नहीं लग रहे पीयूसी सेंटर

पीयूसी सेंटर नहीं लगाने के पीछे कई वजह है। मुख्य वजह यह है कि पंप पर सेंटर स्थापित होने से अनावश्यक वाहन जांच कराने को लेकर लोगों की भीड़ लगेगी। साथ ही पीयूसी सेंटर स्थापित करने में करीब छह लाख रुपया खर्च होगा। खर्च होनेवाली यह राशि सेंटर से प्राप्ति नहीं हो सकेगी। ग्रामीण इलाकों के पंप मालिक इतनी राशि खर्च करने को घाटा का सौदा मानते हैं।

वर्जन

मोटर यान निरीक्षक दुमका बुद्धिनाथ चौधरी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए मालिकों को कई बार नोटिश दिया गया, बावजूद जब पीयूसी सेंटर नहीं लगाया जा रहा है। बाध्य होकर विभाग ने लाईसेंस रद करने का मन बनाया है। जब तक पीयूसी सेंटर नहीं लग जाता है तब तक किसी भी पंप के लाइसेंस का नवीकरण नहीं किया जाएगा।

बुद्धिनाथ चौधरी, मोटर यान निरीक्षक, दुमका


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