अफवाह की आड़ में जुड़वा औलाद की ली जान
शिकारीपाड़ा, दुमका : शिकारीपाड़ा चौक के समीप शुक्रवार की दोपहर मासूम जुड़वा बच्चे क
शिकारीपाड़ा, दुमका : शिकारीपाड़ा चौक के समीप शुक्रवार की दोपहर मासूम जुड़वा बच्चे की हत्या उन्हें जन्म देने वाली मां ने ही की थी। इससे पहले भी गर्भावस्था के दौरान दवा खाकर उसने गर्भस्थ शिशुओं को मारने का प्रयास किया था। मगर असफल होने पर चोटीकटवा गिरोह की आड़ में सात माह के दोनों बच्चों को घर के कुएं में फेंक दिया। फिर वारदात को दूसरा रूप देने के लिए अपनी चोटी काट ली। पुलिस ने कातिल महिला के कमरे में टंगे बैग से कटी चोटी और दो कैंची बरामद की है। महिला ने हत्या की बात स्वीकार कर ली है। इसका खुलासा शनिवार को एसपी मयुर पटेल ने किया।
बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद परिवार के लोगों से पूछताछ की गई। सभी के बयान में विरोधाभास होने के बाद महिला पर शक हुआ। पूछताछ में आरोपी महिला समाप्ति साह ने बताया कि वह जुड़वा बच्चों को पालने की स्थिति में नहीं थी। खुद को इसके लिए तैयार भी नहीं मानती थी। जब वह छह माह की गर्भवती थी तो उसने नींद की गोली खाकर खाई थी। इलाज के बाद ठीक हो गई। जब उसे पता चला कि कोख में दो जुड़वा बच्चे हैं तो उसने उन्हें नहीं पालने का फैसला कर डाला। इसी बीच चोटी कटवा की अफवाह फैली तो बच्चों की हत्या के लिए इसे उचित समय समझा। शुक्रवार की दोपहर उसने परिवार के सदस्यों को खाना खिलाया। जब सभी सदस्य सो गए तो बारी-बारी से दोनों बच्चों को कुएं में फेंक दिया और खुद को बचाने के लिए कैंची से अपनी चोटी काट ली। महिला का पैतृक घर कैरासोल सिउड़ी पश्चिम बंगाल में है।
परिवार के सदस्यों से होगी पूछताछ : एसपी ने बताया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। पति प्रणव साह से उसके रिश्ते में बारे में पूछताछ करनी है। अंतिम संस्कार की वजह से पति से पूछताछ नहीं हो सकी है।
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चोटी कटवा जैसा कोई गिरोह नहीं
एसपी ने बताया कि चोटी कटवा जैसा कोई गिरोह नहीं है। कुछ शरारती तत्व अफवाह फैलाकर घटना को अंजाम देने का प्रयास कर रहे हैं। दुमका शहर, जरमुंडी, सरैयाहाट व रामगढ़ में चोटी कटने के मामले की जांच की गयी है। कहीं से भी सत्यता नजर नहीं आयी है। जिन महिलाओं ने चोटी कटने का आरोप लगाया है, उनसे भी पूछताछ की जाएगी। अगर उन्होंने स्वयं अपनी चोटी काटी है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।