वर्षा जल की हर बूंद को बचाना आवश्यक
दुमका राष्ट्रीय नई तालीम सप्ताह के अंतर्गत विद्यालयों में मनाए जानेवाले कार्यक्रमों के तहत सोमवार को नेशनल उच्च विद्यालय में बच्चों को जल संरक्षण स्वच्छता तथा किचन गार्डन आदि के संबंध में व्यापक जानकारी दी गई।
दुमका : राष्ट्रीय नई तालीम सप्ताह के अंतर्गत विद्यालयों में मनाए जानेवाले कार्यक्रमों के तहत सोमवार को नेशनल उच्च विद्यालय में बच्चों को जल संरक्षण, स्वच्छता तथा किचन गार्डन आदि के संबंध में व्यापक जानकारी दी गई।
बच्चों को संबोधित करते हुए विद्यालय के कार्यवाहक प्रधान राजीव कुमार ने बताया कि आज संपूर्ण दुनियां जलसंकट से जूझ रही है। विडंबना यह है कि प्रकृति वर्षा ऋतु में हमें इतना शुद्ध जल प्रदान करती है जिसे अगर ठीक तरह से संरक्षित रखा जाए तो हमारी तमाम आवश्यकताएं आसानी से हल हो सकता है। परंतु हम अपने गलतियों के कारण ही आज जलसंकट से जूझ रहे हैं। पॉलिथीन का इस्तेमाल और उसे लापरवाही व यत्र-तत्र फेंक देने से न सिर्फ वातावरण प्रदूषित होता है बल्कि यह जमीन में मिट्टी के साथ मिलकर भूमि की जलग्रहण क्षमता को भी बाधित करती है। इसीलिए पॉलिथीन का कम से कम इस्तेमाल तथा सही तरह से उसके निपटान पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
शिक्षक मदन कुमार ने बताया कि वर्षा ऋतु बहुत बड़ी सौगात लेकर आता है। इस ऋतु में किचन गार्डन लगाकर न सिर्फ हम प्रकृति के सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं बल्कि अपने घरों में सौंधी खुशबू भी बिखेर कर रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस ऋतु में हम अपने भोजन को जायकेदार बनाने में इस्तेमाल होनेवाले छोटे-छोटे पौधे जैसे तुलसी, पुदीना, धनिया पत्ती, हरी मिर्च, अजवाइन सौंफ, जीरा, कड़ी पत्ती, आदि के पौधे लगाकर किचन से निकलनेवाले हानिकारक धुंओं को न सिर्फ वातावरण में मिलने से रोक सकते हैं बल्कि इन पौधों से निकलनेवाली सोंधी खुशबू घर के वातावरण को भी स्वच्छ बनाए रखने में सहायक होगी। मौके पर शिक्षक रामचंद्र मुर्मू व सुदीप्ता किस्कू सहित तमाम छात्र-छात्राएं मौजूद थीं।