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दर्जी के अलावा प्रतिमा निर्माण को बनाया आमदनी का जरिया

रानीश्वर : रानीश्वर प्रखंड के सादीपुर गांव के पालपाड़ा के मणी कुमार पाल बीते डेढ़ माह से प्रतिमा निर्माण में जुटा है। पूछने पर कहा कि अब पूजा में 19 दिन शेष है। इसलिए प्रतिमा का रंगरोगन कर अंतिम टच देने का काम अब शुरु होगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 03:50 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 03:50 PM (IST)
दर्जी के अलावा प्रतिमा निर्माण को बनाया आमदनी का जरिया
दर्जी के अलावा प्रतिमा निर्माण को बनाया आमदनी का जरिया

रानीश्वर : रानीश्वर प्रखंड के सादीपुर गांव के पालपाड़ा के मणी कुमार पाल बीते डेढ़ माह से प्रतिमा निर्माण में जुटा है। पूछने पर कहा कि अब पूजा में 19 दिन शेष है। इसलिए प्रतिमा का रंगरोगन कर अंतिम टच देने का काम अब शुरू होगा। मयूराक्षी विस्थापित मणी रानीबहाल उच्च विद्यालय से दशम वर्ग तक की पढ़ाई करने के बाद पहले दर्जी का काम शुरू किया था। उसने दर्जी के काम के अलावा प्रतिमा निर्माण के काम को भी अपने पेशे का हिस्सा बना रखा है। वह सरस्वती के साथ काली, मां मनसा, विश्वकर्मा की मूíत तैयार करता है। इस साल मसलिया प्रखंड के मकरमपुर में सिदो-कान्हू के पांच फीट की प्रतिमा का भी निर्माण किया है। मणी ने कहा कि जब वह सातवीं का छात्र था उस समय घर में पूजा करने के लिए सरस्वती की प्रतिमा निर्माण किया था। वहीं से प्रतिमा निर्माण में रुचि बढ़ता चला गया। 2005 से रोजगार के साथ जुड़कर प्रतिमा निर्माण कर रहा है। बताया कि दो माह के मेहनत में तकरीबन 15 हजार रुपये तक की आमदनी होने की उम्मीद है।

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