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होम साइंस में करियर को बुलंदी पर ले जाने की असीम संभावना

दुमका : विज्ञान संकाय से इंटर पास करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए होम साइंस करियर के लिए बेहतरीन विक

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Mar 2018 07:12 PM (IST)Updated: Sun, 25 Mar 2018 07:12 PM (IST)
होम साइंस में करियर को बुलंदी पर ले जाने की असीम संभावना
होम साइंस में करियर को बुलंदी पर ले जाने की असीम संभावना

दुमका : विज्ञान संकाय से इंटर पास करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए होम साइंस करियर के लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। छात्र बीएससी होम साइंस की पढाई कृषि विश्वविद्यालय से कर सकते हैं। यह पाठ्यक्रम चार वर्षीय डिग्री कोर्स की है। किसी भी कृषि विश्वविद्यालय में कृषि के क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा से संबंधित होम साइंस संकाय के साथ कई संकाय मुख्य रूप से एग्रीकल्चर, एग्रीकल्चरल इंजीनिय¨रग, हॉíटकल्चर, वेटनरी, डेयरी, फिशरीज, फॉरेस्ट्री संकाय है। होम साइंस संकाय कृषि शिक्षा के क्षेत्र में उत्साहवर्धक एवं प्रतियोगिता मूलक है। दरअसल कृषि विश्वविद्यालयों में होम साइंस संकाय का नाम अब कम्यूनिटी साइंस संकाय कर दिया गया है।

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बीएससी होम साइंस में नामांकन की प्रक्रिया

ऑल इंडिया स्तर पर एआईईईएयूजी आईसीएआर पूसा नई दिल्ली द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाती है। जबकि राज्य स्तर पर लगभग सभी राज्य सरकारों द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाती है। बिहार सरकार बीसीईसीई बिहार द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करती है। झारखंड में राज्य जेसीईसीई द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाती है। वर्तमान में होम साइंस संकाय में नामांकन नहीं होता है। क्योंकि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में होम साइंस की पढाई अभी शुरू नहीं हुई है।

बीएससी होम साइंस में मुख्य विषय

- फूड एंड न्यूट्रीशन

- फैमिली रिसोर्स मैनेजमेंट

- ह्यूमन डेवलपमेंट एंड फैमिली स्टडीज

- टेक्सटाइल एंड एपरेल डिजाइ¨नग

- होम साइंस एक्सटेंशन एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन

सरकारी और गैर सरकारी नौकरी में है अवसर

होम साइंस में सरकारी और गैरसरकारी नौकरी की ज्यादा अवसर है। प्राध्यापक, वैज्ञानिक, डाइटीशियन, डाइट काउंसलर, हेल्थ एंड न्यूट्रीशन कंसलटेंट, फूड विशेषज्ञ, ट्रे¨नग सहायक, प्रोग्राम सहायक, फार्म मैनेजर, वोकेशनल टीचर, ड्रेस मे¨कग, डिजाइनर, हाउस की¨पग, इंटीरियर डिजाइनर, फूड प्रोसे¨सग एंड बेकरी व कंफेक्शनरी के क्षेत्र में अवसर मिलता है। इसके साथ ही स्वरोजगार के भी अवसर हैं।

ये प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय जहां होती है होम साइंस की पढ़ाई

- डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा समस्तीपुर, बिहार

- गोविंद वल्लभ पंत विश्वविद्यालय ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंत नगर उत्तरांचल

- आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय, राजेंद्र नगर हैदराबाद

- असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहट, असम

- विधानचंद्र कृषि विश्वविद्यालय, नदिया, पश्चिम बंगाल

-डॉ. पंजाब राव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला, महाराष्ट्र

- चौधरी चरण ¨सह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा

- पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब

- महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय एंड टेक्नोलॉजी, उदयपुर, राजस्थान

- तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर, तमिलनाडु

- इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इंस्टीच्यूट, नैनी, इलाहाबाद, उतर प्रदेश, अब सैम हिगिंस बॉटम कृषि विश्वविद्यालय, डीम्ड यूनिर्विसटी, नैनी इलाहाबाद, यूपी

- कृषि विश्वविद्यालय धारवाड़, कर्नाटक

- लेडी इरविन कॉलेज नई दिल्ली

- ओडिशा कृषि विश्वविद्यालय एंड टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर

- वनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान

- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कांके, रांची झारखंड लेकिन यहां बीएससी होम साइंस की पढाई नहीं होती है। अभी होम साइंस कॉलेज नहीं खुला है। होम साइंस विभाग से इंटर साइंस छात्र-छात्रा डिप्लोमा कोर्स फूड प्रोसे¨सग, सर्टिफिकेट कोर्स, फल व सब्जियों का प्रोसे¨सग टेक्नोलॉजी की पढाई कर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

होम साइंस में खास तौर पर छात्राओं के लिए अपार संभावनाएं हैं। राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं के जरिए इंटर विज्ञान संकार्य के उत्तीर्ण छात्र-छात्रा इस पाठ्यक्रम में दाखिल ले सकते हैं।

डॉ. सीमा ¨सह, वैज्ञानिक, होम साइंस कृषि विज्ञान केंद्र दुमका

फोटो : 01


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