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हंसडीहा की सोनपापड़ी में पहले जैसा स्वाद नहीं

दुमका : महाराष्ट्र के नागपुर के तर्ज पर हंसडीहा में निíमत सोनपापड़ी एवं बर्फी मिठाईयों के शौकीन लोग अंजाने में एक धीमी जहर का सेवन कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 03:51 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 03:51 PM (IST)
हंसडीहा की सोनपापड़ी में पहले जैसा स्वाद नहीं
हंसडीहा की सोनपापड़ी में पहले जैसा स्वाद नहीं

दुमका : महाराष्ट्र के नागपुर के तर्ज पर हंसडीहा में निíमत सोनपापड़ी एवं बर्फी मिठाईयों के शौकीन लोग अंजाने में एक धीमी जहर का सेवन कर रहे हैं। अपनी मिठास और स्वाद के लिए हंसडीहा की प्रसिद्ध सोनपापड़ी पर मुनाफाखोरों की नजर लग जाने से अब यह मिठाई धीमी जहर बन गई है। ज्यादा फायदे के चक्कर में कारोबारी लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे। लोगों को दिग्भ्रमित करने के लिए मिठाईयों कि पैके¨जग तो ब्रांडेड कंपनी जैसी करते हैं लेकिन गुणवत्ता के नाम पर लोगों को केमिकल युक्त मैदा खिला रहे हैं।

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झारखंड-बिहार के बड़े शहरों तक होती है सप्लाई

दुमका : हंसडीहा में निíमत सोनपापड़ी, कलाकंद और बर्फी की सप्लाई सिर्फ स्थानीय बाजारों तक ही नहीं सिमटा है बल्कि झारखंड, बिहार और बंगाल के कई बड़े शहरों तक इसकी पहुंच है। हंसडीहा में बने मिठाईयों की पैके¨जग इतनी सुंदर तरीके से की जाती है कि देखने में हल्दीराम जैसे ब्रांडस हो। मिठाईयों को ज्यादा दिनों तक खराब होने से बचाने के लिए इसमें कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल होता है।

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खोआ, काजू की जगह मैदा और ¨सथेटिक दूध का इस्तेमाल

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हंसडीहा में निíमत सोनपापड़ी हो या फिर बर्फी सभी में मिलावट का खेल जारी है। बेसन और शुद्ध घी के नाम पर मैदा और पाम ऑयल के इस्तेमाल कर लोगों को दिग्भ्रमित किया जाता है। वहीं मैदा और केमिकल के इस्तेमाल से बने मिठाइयों को काजू बर्फी, चॉकलेट बर्फी, कतरी, डोडा बर्फी, रॉल बर्फी एवं कलाकंद जैसे नाम व आकार देकर डब्बाबंद कर मार्के¨टग की जा रही है। लोग भी मिठाईयों की खूबसूरती व स्वाद के चक्कर में आकर अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

लाखों का टर्नओवर लेकिन गुणवत्ता मानकों पर फिसड्डी

दुमका : हंसडीहा में निíमत मिठाईयों का सलाना टर्नओवर लाखों का है। लेकिन कारोबारी सरकार की आंखों में धूल झोंक गुणवत्ता के साथ-साथ राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं। हंसडीहा में करीब आधा दर्जन सोनपापड़ी फैक्ट्री, दो बर्फी मिठाई फैक्ट्री एवं दो बनारसी लड्डू के फैक्ट्री चल रहे हैं। इन फैक्टरियों में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ( एफएसएसएआइ) द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों का खुलेआम उल्लघंन होता है। हंसडीहा के सभी कारोबारी का अपनाअलग ब्रांडस है लेकिन बगैर लाइसेंस के कारोबार कर पैके¨जग एक्ट का भी उल्लंघन कर रहे हैं।

वर्जन

खाद्य पदार्थो में हो रही मिलावट की वजह से कई तरह की बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। जरूरी है कि प्रशासन इस मामले में सख्ती बरते और नकली व मिलावट के धंधे पर अंकुश लगाए। ऐसे मामलों में दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

नलिनीकांत ठाकुर, सामाजिक कार्यकर्ता, दुमका

फोटो : 03

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खाद्य पदार्थ को जांच करनेवाले विभाग को कठोरता से तयशुदा प्रावधानों को लागू करना चाहिए। शुद्धता की कहीं कोई गारंटी नहीं होना दुखद है। संबंधित विभाग भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।

अमरेंद्र कुमार यादव, सचिव रेडक्रास सोसाइटी, दुमका

फोटो : 04


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