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विनोद की चार उंगलिया डालतीं मां दुर्गा की मूर्तियों में जान

यह मां दुर्गा की ही कृपा है कि दिव्यांग विनोद पंडित बीते एक दशक से बासुकीनाथ के फुलधरिया टोला मंदिर में दुर्गोत्सव के दौरान मां की प्रतिमा अपने बाएं हाथ से ही गढ़ कर तैयार करते हैं। विनोद बताते हैं कि सड़क हादसे में उसका दायां हाथ काट कर अलग हो गया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 06:23 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 06:23 PM (IST)
विनोद की चार उंगलिया डालतीं मां दुर्गा की मूर्तियों में जान

रूपेश कुमार झा लाली, बासुकीनाथ: यह मां दुर्गा की ही कृपा है कि दिव्यांग विनोद पंडित बीते एक दशक से बासुकीनाथ के फुलधरिया टोला मंदिर में दुर्गोत्सव के दौरान मां की प्रतिमा अपने बाएं हाथ से ही गढ़ कर तैयार करते हैं। विनोद बताते हैं कि सड़क हादसे में उसका दायां हाथ काट कर अलग हो गया था। बाएं हाथ की एक उंगली भी काटनी पड़ी है।

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विनोद हंसडीहा के खिजुरा पोखर छठ घाट के रहने वाले हैं। वे पिछले करीब 15-18 वर्षों से मूर्तिकारी कर अपना जीवन बसर कर रहे हैं। बताया कि दुमका के जित्तो उर्फ जीतन मिस्त्री से मूर्तिकारी का गुर सीखा था। फुलधरिया टोला में पिछले एक दशक से मां की प्रतिमा बनाने के लिए वे पहुंचते हैं। इसमें पुत्र संदीप पंडित बखूबी साथ देता है। विनोद ने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस वर्ष आर्थिक क्षति हो रही है। इस वर्ष बड़े आकार की प्रतिमा नहीं बनाने का आदेश सरकार ने दिया है। ऐसे में प्रतिमा निर्माण की मजदूरी भी काफी कम हो गई है। कहा कि पूर्व के वर्षों में काफी धूमधाम से मां दुर्गा की पूजा होती थी। इस बार कोविड-19 ने सबके लिए दायरा खींच दिया है। इस दायरे का नतीजा हम जैसे गरीबों को भुगतनी पड़ रही है। हम जैसे मूर्तिकारों को खासकर दुर्गापूजा, दीवाली व छठ का बेसब्री से इंतजार रहता है। बारिश का मौसम बीतने के बाद यही वह अवसर होता है, जब मूर्तिकार कमाई करते हैं।

विनोद ने बताया कि दुर्गापूजा के बाद दिवाली में लक्ष्मी व काली की प्रतिमा बनाते हैं। मिट्टी के दीए व अन्य घरौंदे बनाकर अच्छी आमदनी हो जाती है। छठ में भी मिट्टी के बर्तनों की जबरदस्त मांग रहती है। इसलिए मूर्तिकार व कुम्हार समुदाय के लोगों को इन त्योहारों का खास इंतजार रहता है। उन्होंने कहा कि अबकी बार कोविड-19 की वजह से उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। आमदनी कम होने से घर-परिवार चलाने पर भी आफत है। विनोद ने कहा कि अब उम्र के इस मुकाम पर पुश्तैनी धंधा छोड़कर दूसरा कोई काम भी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में मां दुर्गा से ही करबद्ध प्रार्थना है कि कोविड-19 का जड़ से नाश कर सबका कल्याण करें।


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