मोबाइल के लिए युवती ने फांसी लगाकर दी जान
दुमका मोबाइल नहीं मिलने और पारिवारिक कारण की वजह से आहत युवती व एक महिला ने गुरुवार को मौत को गले लगा लिया।
दुमका : मोबाइल नहीं मिलने और पारिवारिक कारण की वजह से आहत युवती व एक महिला ने गुरुवार को मौत को गले लगा लिया। दोनों ने ही अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। दोनों शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजन के सुपुर्द कर दिया। युवती के पिता शंकर धीवर सिविल सर्जन कार्यालय में होमगार्ड हैं।
शहर के रसिकपुर बड़ाबांध के समीप की रहनेवाली 24 वर्षीया सोनी कुमारी ने गुरुवार की दोपहर अपने ही दुपट्टे से फांसी लगाकर घर में ही जान दे दी। परिजनों की मानें तो पांच छह दिन से सोनी मोबाइल की मांग कर रही थी। पिता मोबाइल खरीदने में असमर्थ थे। गुरुवार को युवती ने पिता से फिर मोबाइल की मांग की। इस पर पिता ने कहा कि कुछ दिन तक मां के मोबाइल से काम चला ले। पैसा आते ही खरीद देंगे। इसी बात को लेकर वह नाराज थी। दोपहर को खाना-खाने के बाद वह अपने कमरे में चली गई। कमरे में अपने ही दुपट्टे से फंदा बनाकर मौत को गले लगा लिया। घरवाले कमरे में गए तो बेटी का शव देखकर अवाक रह गए। फंदे से उतारकर सदर अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बेटी की मौत की खबर सुनकर परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल था। समाजसेवी अजय कुमार झा मिक्की ने नगर थाना जाकर पुलिस को घटना की जानकारी दी। युवती दो बहन और एक भाई में सबसे बड़ी थी। इधर, शिकारीपाड़ा के निझोर गांव में ब्याही 28 वर्षीया पकू मरांडी ने बुधवार की रात ससुराल में फांसी लगाकर जान दे दी। गुरुवार को पुलिस ने शव कब्जे में लिया। मृतक दो बच्चों की मां थी और सबसे बड़ा बेटा दस साल का है। केंदपहाड़ी पूर्वी गांव की पकू की शादी करीब 13 साल पहले निझोर के होपना मुर्मू के साथ हुई। बुधवार की शाम पति खाना-खाने के बाद मजदूरी का बकाया पैसा लेने के लिए पिनरगड़िया निकल गया। देर रात को लौटा तो पत्नी को खाट पर मृत पाया। पूछने पर साली ने बताया कि बहन ने फांसी लगा ली। पड़ोस के एक युवक की मदद से शव को उतारा। पति का कहना है कि पत्नी न तो मानसिक रूप से बीमार थी और न ही उससे किसी प्रकार की कहासुनी हुई। पुलिस का कहना है कि पति के बयान पर यूडी केस दर्ज किया गया है।