बैंक में सामाजिक दूरी का पालन, गोदाम में लापरवाही
रामगढ़ कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान लोगों में काफी जगारूकता आई है। कहीं कहीं लोग पालन भी कर रहे हैं। कुछ जगहों पर अभी भी इसके प्रति गंभीरता नहीं देखी जा रही है। बैंक के पदाधिकारी व कर्मी में जितनी सजगता देखी गयी उतनी सरकारी महकमे में नहीं देखा गया।
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान लोगों में काफी जगारूकता आई है। कहीं कहीं लोग पालन भी कर रहे हैं। कुछ जगहों पर अभी भी इसके प्रति गंभीरता नहीं देखी जा रही है। बैंक के पदाधिकारी व कर्मी में जितनी सजगता देखी गयी उतनी सरकारी महकमे में नहीं देखा गया।
रामगढ़ बाजार में भारतीय स्टेट बैंक एवं झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की शाखा है। एसबीआइ में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। शाखा प्रबंधक रंजीत मेहरा, फील्ड ऑफिसर धीरज कुमार मास्क एवं दस्ताना पहने बैंक पहुंचे। बैंक का गेट खुलने के साथ लोग प्रवेश करना चाह रहे थे। उनको रोका गया और शारीरिक दूरी बनाकर खड़ा रहने का आग्रह किया गया। नहीं माने तो चूना का गोल घेरा बनवाया गया। घेरा का पालन करने की हिदायत दी गयी। चार-चार ग्राहकों को ही अंदर जाने की अनुमति थी। ग्राहकों का हाथ भी धुलवाया जा रहा था। झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक में भी शाखा प्रबंधक आनंद भारती, उप प्रबंधक सुमन कुमारी ने भी गोल घेरा बनाकर उसका सख्ती से पालन कराया। केवल तीन लोगों को ही जाने की अनुमति दी जा रही थी। पास बुक अपडेट करने के लिए अभी नहीं आने की अपील किया।
लॉक डाउन में सबसे बड़ी जिम्मेदारी खाद्य आपूíत विभाग की है। प्रखंड मुख्यालय स्थित गोदाम से चावल लेकर डोर स्टेप डिलेवरी के ट्रांसपोर्टर द्वारा दुकानों तक पहुंचाया जा रहा है। लेकिन सोमवार को गोदाम में जो ²श्य देखा वह अच्छा नहीं था। कोई व्यक्ति या मजदूर शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहा था। अधिकांश मजदूरों ने मास्क भी नहीं लगाया था। सभी दुकानों में अनाज पहुंचाने की जिम्मेदारी है लेकिन ..। वायरस को रोकने का पालन भी जरूरी है। प्रखंड प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए। ऐसे लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपनी सुरक्षा के प्रति स्वयं जागरूक हों।