समेकित कृषि प्रणाली से सशक्त बनें किसान
बासुकीनाथ : सीमित भूमि, मौसम की बेरुखी, कम खाद, बीज व पानी के बावजूद किसान काफी कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं लेकिन इसके लिए किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करनी होगी।
बासुकीनाथ : सीमित भूमि, मौसम की बेरुखी, कम खाद, बीज व पानी के बावजूद किसान काफी कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं लेकिन इसके लिए किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करनी होगी। किसानों को कृषि कार्य के अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, बत्तखपालन, दुग्ध उत्पादन पर भी ध्यान देना होगा। ये बातें जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश ने शंकरपुर पंचायत अंतर्गत गादी कमरडीहा गांव में राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के तहत आयोजित एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम के दौरान कही। जैविक खेती के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में रसायनिक खाद एवं दवा का प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति घट रही है। जमीन के अंदर एवं बाहर जो हमारे मित्र कीट होते हैं वे भी नष्ट हो जाते हैं। इससे फसल के उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ता है। जैविक खाद एवं दवा का प्रयोग करने से मित्र कीट की संख्या में वृद्धि होती है और फसलों का उत्पादन अधिक होता है। जैविक खाद एवं दवा का प्रयोग करने से फसल लंबे अंतराल तक ताजा रहती है। उन्होंने किसानों को समेकित कृषि प्रणाली अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम को सुमित आनंद, अवधेश मंडल, धनदेव मंडल, विजय पंजियारा, कृषि वैज्ञानिक अनुज कुमार, जिला उद्यान कार्यालय कर्मी राजनंदन ¨सह ने जैविक खेती, जीवामृत बनाने की विधि, बीज शोधन विधि, बीजामृत बनाने की विधि, जैविक खेती करने के तौर तरीके के बारे में बताया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आसपास के किसान हिस्सा लेने पहुंचे थे।