इलाजरत नक्सली महिलाएं धुमनाही की ललिता व तारा तो नहीं
काठीकुंड : दुमका के सदर अस्पताल में अपने बच्चों के इलाज के नाम पर बीते कुछ दिनों से भर्ती की गई दो महिलाएं काठीकुंड थाना क्षेत्र के बड़तल्ला पंचायत के धुमनाही गांव की ललिता हांसदा और तारा देवी तो नहीं।
काठीकुंड : दुमका के सदर अस्पताल में अपने बच्चों के इलाज के नाम पर बीते कुछ दिनों से भर्ती की गई दो महिलाएं काठीकुंड थाना क्षेत्र के बड़तल्ला पंचायत के धुमनाही गांव की ललिता हांसदा और तारा देवी तो नहीं। अधिकृत सूत्रों पर भरोसा करें तो इन दोनों महिलाओं को पांच नवंबर को बड़तल्ला पंचायत के धुमनाही गांव से नक्सली संगठन से नाता होने व नक्सलियों तक राशन एवं दवाईयां पहुंचाने के संदेह में पकड़ा है। हालांकि इस मामले की पुष्टि थाना प्रशासन नहीं कर रही है। थाना प्रशासन की मानें तो सीमा शस्त्र बल के द्वारा दोनों को पकड़ा गया है। जानकारी के अनुसार पुलिस ने नक्सली होने के संदेह में सबसे पहले धुमनाही गांव के छुतर हांसदा की बेटी रानीता हांसदा के पति मिठुन मुर्मू को हिरासत में लिया था और फिर दोनों महिलाओं के बारे जानकारी ली थी। मिठुन मुर्मू जोड़ाआम गांव का निवासी है और धुमनाही गांव का घर जमाई है। खबर है कि प्रशासन ने इसी गांव के सोनू देहरी को भी हिरासत में लेकर तीन दिन तक पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। सोनू ने प्रशासन को बताया कि वह तीन दिन तक नक्सलियों के साथ काम किया था लेकिन नक्सलियों के काम को देखने के बाद वह भाग गया था। प्रशासन ने मिठुन मुर्मू को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि अभी तक नहीं की हैं जबकि ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस सबसे पहले मिठुन मुर्मू को घर से ले गई थी।