गांव के एक परिवार को बहिष्कृत किए जाने के मामले का हुआ समाधान
भंडारों पंचायत के सिजुआदुम गांव में एक
गांव के एक परिवार को बहिष्कृत किए जाने के मामले का हुआ समाधान
जागरण संवाददाता, दुमका : दुमका प्रखंड के माल भंडारों पंचायत के सिजुआदुम गांव में एक परिवार के सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आने पर शुक्रवार को सदर अंचलाधिकारी यामुन रविदास, मुफस्सिल थाना पुलिस के साथ सिजुआदुम गांव पहुंचे और ग्रामीणों से बैठकर पूरी वस्तुस्थिति से अवगत होने के बाद समस्या का समाधान किया। जानकारी के अनुसार माकू हांसदा के परिवार का लोगों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया था। लगभग तीन महीने से वह परिवार सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा था। दरअसल माकू हांसदा के बेटे ने गांव के एक ग्रामीण का सूअर मार दिया था। समाज में ऐसी परंपरा चली आ रही है कि अगर किसी का सूअर फसल नष्ट करता है तो उस सूअर को मार कर पूरे ग्रामीण आपस में बैठकर खाते हैं। माकुू हांसदा के बेटा ने जब सूअर को मारा तो पूरे गांव के लोगों ने बैठकर उसे खाया। कुछ दिन बाद माकू हांसदा का सूअर किसी दूसरे के खेत में फसल चल रहा था तो ग्रामीणों ने उसके सूअर के साथ भी वही हश्र किया लेकिन माकू हांसदा का बेटा इसकी शिकायत लेकर थाना पहुंच गया। समाज को यह बुरा लगा और समाज ने माकू हांसदा के परिवार को पहले 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया लेकिन जब पीड़ित परिवार ने रुपये देने में असमर्थता जताई तो समाज ने उस परिवार का बहिष्कार कर दिया। पीड़ित ने इसकी शिकायत दुमका के उपायुक्त से की थी। डीसी ने पूरे मामले के जांच के आदेश सदर अंचलाधिकारी को दिया। इसी आलोक में सीओ उस गांव पहुंचे और ग्रामीणों के साथ मिल बैठकर समस्या का समाधान करवाया। इस बाबत सदर अंचलाधिकारी जामुन रविदास ने कहा की माकु हांसदा के परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया गया था लेकिन सभी पक्षों को आपस में बैठा कर मामले का समाधान कर दिया गया है।