डॉन अखिलेश सिंह पेट व घुटनों के दर्द से परेशान, कराया गया अल्ट्रासोनोग्राफी
Don Akhilesh Singh. दुमका जेल में बंद डॉन अखिलेश सिंह इन दिनों पेट की बीमारी व अपने घुटनों की दर्द से परेशान है।
दुमका, जागरण संवाददाता। हत्या समेत कई मामलों में आरोपित डॉन अखिलेश सिंह इन दिनों पेट की बीमारी व अपने घुटनों की दर्द से परेशान है। दुमका केंद्रीय कारा में बंद डॉन अखिलेश को उच्च न्यायालय के आदेश पर रविवार को पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दुमका के सुरक्षा डायग्नोस्टिक सेंटर लाकर उसके पेट व घुटने का अल्ट्रासोनोग्राफी कराया गया।
जानकारी के मुताबिक, अखिलेश पिछले आठ-दस दिनों में पेट की बीमारी को लेकर परेशान है। जब गुरुग्राम में उसे गिरफ्तार किया गया था तो उसके पैर के घुटने में गोली लगी थी, जिसकी तकलीफ से अब भी वह उबर नहीं सका है। रविवार को जब उसे केंद्रीय कारा से जांच के लिए कैदी भान में सुरक्षा डायग्नोस्टिक सेंटर लाया गया तो दो पुलिस कर्मी उसे कांधा देकर वाहन से उतार कर जांच घर के अंदर ले गए और इसी तरह से उसे वापस वाहन में लाए और फिर से केंद्रीय कारा लेकर गए।
चार डीएसपी समेत कई थानेदार व पुलिसकर्मी थे तैनात
सुरक्षा के मद्देनजर डान अखिलेश को डायग्नोस्टिक सेंटर लाने से पूर्व ही पूरे इलाके को सील कर दिया गया था। डायग्नोस्टिक सेंटर से होकर गुजरने वाली तमाम सड़कों पर पुलिस की पहरेदारी थी और आने-जाने वाले को डायग्नोस्टिक सेंटर से काफी पहले ही रोक दिया जा रहा था। दुमका केंद्रीय कारा से महज पांच मिनट की दूरी पर स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई थी।
इस दौरान मौके पर एसडीपीओ अनिमेष नथानी, एसडीपीओ सदर पूज्य प्रकाश, डीएसपी टू संतोष कुमार एवं साइबर डीएसपी श्रीराम समद के अलावा मुफस्सिल थाना के इंस्पेक्टर केके सिंह व कई थानों के पुलिस अधिकार व पुलिस कर्मी पूरी तरह से मुस्तैद थे। दुमका में मुकम्मल जांच की व्यवस्था नहीं होने की वजह से अखिलेश सिंह को जांच के लिए कई बार देवघर भेजा गया था, लेकिन अब यहां आधुनिक जांच की व्यवस्था होने के कारण अखिलेश की जांच यहीं कराई गई है।
उच्च न्यायालय के आदेश पर अखिलेश सिंह के पेट व घुटने का अल्ट्रासोनोग्राफी कराया गया है। उसने पेट में बीमारी होने की शिकायत की है, जबकि वह पूर्व से घुटने में लगी गोली को लेकर भी परेशान है। उसकी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने मुकम्मल व्यवस्था किया था।
-अनिमेष नथानी, एसडीपीओ।