बुनकरों से मिल डीसी ने बढ़ाया हौसला
हस्तकरघा दिवस के अवसर पर शुक्रवार को उपायुक्त राजेश्वरी बी पुराना विकास भवन में हस्तकरघा रेशम एवं हस्तशिल्प निदेशालय एवं जिला प्रशासन के सौजन्य से संचालित मयूराक्षी सिल्क में कार्य कर रही महिलाओं से मिलीं। उनको विश्व हस्तकरघा दिवस की शुभकामनाएं दी। वहां पर कार्य कर रही महिलाओं बुनकरों एवं महिला धागाकरण कामगारों से कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी के समय में भी नियमों का पालन करते हुए अपने रोजगार से अपने परिवार को संभाल रही हैं।
जागरण संवाददाता, दुमका: हस्तकरघा दिवस के अवसर पर शुक्रवार को उपायुक्त राजेश्वरी बी पुराना विकास भवन में हस्तकरघा रेशम एवं हस्तशिल्प निदेशालय एवं जिला प्रशासन के सौजन्य से संचालित मयूराक्षी सिल्क में कार्य कर रही महिलाओं से मिलीं। उनको विश्व हस्तकरघा दिवस की शुभकामनाएं दी।
वहां पर कार्य कर रही महिलाओं, बुनकरों एवं महिला धागाकरण कामगारों से कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी के समय में भी नियमों का पालन करते हुए अपने रोजगार से अपने परिवार को संभाल रही हैं। यह बहुत ही सराहनीय एवं प्रशंसनीय कार्य है। आप सभी कामगार जिला एवं राज्य के लिए मिसाल हैं। जानकारी हो कि जिला में मयूराक्षी सिल्क के उत्पादन में लगभग 100 बुनकर परिवार जुड़े हैं। 300 महिलाएं अहिसा सिल्क उत्पादन एवं लगभग 70 महिलाएं रिल्ड धागा उत्पादन से जुड़ी हैं। मयूराक्षी सिल्क की विशेषता यह है कि इसके वस्त्र बुनाई में दुमका जिले से उत्पादित तसर कोकुन से तैयार तसर सिल्क धागे का इस्तेमाल किया जाता है। दुमका जिला के सरैयाहाट प्रखंड में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से भी 60 से 70 परिवारों को लॉकडाउन के दरमियान भी बुनाई का कार्य लगातार उपलब्ध कराया गया है। मौके पर सहायक उद्योग निदेशक सुधीर कुमार सिंह, जिला योजना पदाधिकारी अरुण द्विवेदी, प्रबंधक रविशंकर शर्मा मौजूद थे।