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बच्चों के पोषण व देखभाल की सर्वोच्च जिम्मेदारी परिवार की : जॉयस

दुमका : जागो फाउंडेशन, सेतु, सृजन फाउंडेशन एवं रेडक्रास सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में रेडक्रास भवन

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Mar 2018 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 28 Mar 2018 08:30 PM (IST)
बच्चों के पोषण व देखभाल की सर्वोच्च जिम्मेदारी परिवार की : जॉयस
बच्चों के पोषण व देखभाल की सर्वोच्च जिम्मेदारी परिवार की : जॉयस

दुमका : जागो फाउंडेशन, सेतु, सृजन फाउंडेशन एवं रेडक्रास सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में रेडक्रास भवन में बुधवार को बाल अधिकार को सुनिश्चित करने की दिशा में गृह आधारित बच्चों की देखभाल को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने कहा कि बच्चों के पोषण एवं देखरेख की जिम्मेदारी परिवार की है और परिवार करता भी है। आज के समय में बहुत ऐसे बच्चे हैं जो सड़क पर भटकते रहते हैं। बहुत ऐसे बच्चे हैं जो भीख मांगता है उसे समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हमारे आपके जैसे लोगों को आगे आना होगा और समाज को आईना दिखाना होगा। तभी हम जागरूक समाज का निर्माण कर सकेंगे। कहा कि गांव आज भी बच्चों को शिक्षा देने में काफी पीछे है जिसके कारण बच्चों का विद्यालय से छीजन हो जाता है। इन्होंने बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमलोगों को बाल विवाह और लड़कियों की तस्करी को रोकने के लिए समाज में जागरूकता अभियान चलाना होगा। कहा कि बहुत जल्द ही जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक आयोजित कर और जिला बाल अधिकार को सुनिश्चित करने की योजना बनाएंगे।

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जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल ने कहा कि जो कार्य सरकार के समाज कल्याण विभाग को करना है वह स्वयंसेवी संगठन कर रहे हैं। ऐसे कार्यशाला का आयोजन पंचायत स्तर पर करना होगा और पंचायत प्रतिनिधियों के एजेंडा में बाल अधिकार समाहित करने की आवश्यकता है। श्री मंडल ने कहा कि आगामी जिला परिषद की बैठक में बाल अधिकार पर चर्चा की जाएगी और प्रत्येक प्रखंड में कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी।

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अमरेंद्र यादव ने कहा कि बच्चों की देखभाल और संरक्षण को लेकर आदिवासी क्षेत्र में लोगों को संवेदनशील बनाना होगा क्योंकि आदिवासी क्षेत्र से लड़कियों को बहला-फुसला कर दलाल काम देने के नाम पर दिल्ली जैसे शहरों मे ले जाता है और उसे प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से दूसरों के पास बेच दिया जाता है। इस तरह के कई मामले बाल कल्याण समिति में आता है। विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी अनिल मोहन ठाकुर ने कहा कि बच्चे ही देश के भविष्य हैं और उसे संरक्षण देना अति आवश्यक है। इन्होंने बाल अधिकार को सुनिश्चित करने के कानून के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि हर गांव में ग्राम बाल संरक्षण समिति बनाया गया है जो बाल संरक्षण पर कार्य करेगी। जागो फाउंडेशन के बैद्यनाथ ने कहा कि बच्चों की देखभाल समाज का एक अहम पहलू है।

सेतु के सचिव कालेश्वर मंडल ने कहा कि ग्राम बाल संरक्षण समिति को प्रशिक्षण देकर सशक्त करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में रेडक्रास सोसाइटी के संयुक्त सचिव मनोज कुमार घोष, बाल कल्याण समिति के रंजन कुमार सिन्हा, शकुंतला दुबे, रमेश साह, धर्मेन्द्र नारायण प्रसाद, रमण कुमार वर्मा मौजूद थे।


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