मुख्यमंत्री हेमंत ने पूछा आखिर बाबूलाल जी को क्या हो गया है
दुमका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी पर
दुमका : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा
नेता बाबूलाल मरांडी पर जमकर भड़ास निकाली। दुमका उपचुनाव को लेकर भाजपा पर हमलावर मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि आखिर बाबूलाल जी को क्या हो गया है।
कहा कि वे उनसे पूछना चाहते हैं कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर अब उनकी क्या राय है। कहा कि चंद महीने पहले जिस भाजपा के खिलाफ उन्होंने जनमत मांगी थी उन्हीं के साथ अब खड़े होकर भाजपा के पक्ष में वोट के लिए पसीना से तर-ब-तर हो रहे हैं। कहा कि मुझे उनके पसीना बहाने पर चिता हो रही है कि आखिर उनके झूठ बोलने की कोई तो सीमा होनी चाहिए। कहा कि लोग दल बदलते हैं। चुनाव चिह्नन बदलते हैं। झंडे का रंग बदलते हैं, लेकिन मैं आश्चर्यचकित हो जाता हूं कि कैसे इनकी सोच की प्रतिबद्धता ही बदल गई है। कहा कि दुमका उपचुनाव में नि:संदेह भाजपा झामुमो के सामने है, लेकिन झामुमो इस माटी की पार्टी है यह यहां के मतदाता जानते हैं। हेमंत ने कहा कि प्रजातंत्र में छल, प्रपंच, दाम, दंड और भेद की नीतियां अपनाने की परंपरा रही है और भाजपा इसमें अव्वल है। यही वजह है कि उपचुनाव में कई ऐसे प्रत्याशी झामुमो के खिलाफ साजिशन खड़े किए गए हैं जो मतों का बिखराव कर सकें। उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में केंद्र से लेकर जिलास्तर के नेता वोट मांग रहे हैं, लेकिन मतदाता इनकी चालों को बखूबी समझ रहे हैं। हेमंत ने बाबूलाल मरांडी पर प्रहार करते हुए कहा कि कंबल घोटाला, जमीन घोटाला और मैनहार्ट घोटाला पर अपनी राय देनी चाहिए। कहा कि
फर्जी तरीके से पूर्व की भाजपा सरकार के समय नौकरी दिलाने के नाम पर नक्सली घोषित किए जाने के मामले पर भी बाबूलाल को अपनी राय जनता के बीच रखनी चाहिए। जेल में बंद आदिवासी व दलित कैदी जो अपना केस नहीं लड़ पा रहे हैं उस पर भी इन्हें कुछ बोलना चाहिए।
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शिबू सोरेन पर सवाल उठाने की हो रही है हिमाकत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झामुमो सुप्रीमो व झारखंड राज्य गठन के अगुवा शिबू सोरेन पर सवाल उठाने की हिमाकत भी भाजपाई कर रहे हैं। उनके आंदोलन व योगदान पर सवाल उठा रहे हैं।
कहा कि भाजपा के नेताओं को यह बताना चाहिए कि झारखंड आंदोलन में उनकी भूमिका क्या रही है।
उनके दल के कितने आंदोलनकारी बलिदान दिए हैं। हेमंत ने कहा कि बाबूलाल मरांडी आखिर संताल परगना से संतालियों को खदेड़ कर यहां किसे बसाना चाहते हैं। क्या वे यहां छत्तीसगढि़यों को बसाएंगे। उन्होंने कहा कि 83 वर्ष के फादर स्टेन स्वामी के आदिवासी व दलितों के लिए संघर्ष से कोई कैसे मुंह मोड़ सकता है यह तो बाबूलाल मरांडी ही बेहतर बता सकते हैं। बिना पूछे आदिवासी इलाकों में कोयला खदान प्रारंभ करने की केंद्र सरकार की एकतरफा निर्णय पर भी बाबूलाल को अपनी स्थिति
स्पष्ट करनी चाहिए।