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भवन तो बनवा दिया हुजूर, केंद्र का दर्जा तो दिलवाइए

रामगढ़ हुजूर कभी हम पर भी तो दया कीजिए। कभी हमारे तरफ भी आंख उठाकर देख लें तो हमारा भी कल्याण हो जाएगा। वर्ना तीन साल से तो बस यूं ही आसरा लगाए बैठे हैं कि कोई न कोई आएगा एवं मेरा भी श्रृंगार करेगा तथा मुझे भी सजाधजा कर रखेगा लेकिन अब तो मेरा भी शरीर जबाव देने लगा है बच्चे मुझपर दूर से पत्थर मारते हैं तथा मेरे ऊपर लगा शीशा को तोड़कर मजा लेते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 05:08 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 05:08 PM (IST)
भवन तो बनवा दिया हुजूर, केंद्र का दर्जा तो दिलवाइए
भवन तो बनवा दिया हुजूर, केंद्र का दर्जा तो दिलवाइए

रामगढ़ : हुजूर कभी हम पर भी तो दया कीजिए। कभी हमारे तरफ भी आंख उठाकर देख लें तो हमारा भी कल्याण हो जाएगा। वर्ना तीन साल से तो बस यूं ही आसरा लगाए बैठे हैं कि कोई न कोई आएगा एवं मेरा भी श्रृंगार करेगा तथा मुझे भी सजाधजा कर रखेगा, लेकिन अब तो मेरा भी शरीर जबाव देने लगा है बच्चे मुझपर दूर से पत्थर मारते हैं तथा मेरे ऊपर लगा शीशा को तोड़कर मजा लेते हैं। जी हां दुमका लोकसभा के रामगढ़ प्रखंड के तीन जगहों पर करोड़ों रुपया की लागत से बनाया गया भवन मानो इसी प्रकार अपनी दास्तां बयां कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा आज से तीन वर्ष पूर्व भवन तो बना दिया गया, लेकिन आजतक इस भवन को स्वास्थ्य विभाग ने अपना नहीं माना। जानकारी के अनुसार रामगढ़ प्रखंड के सिंदुरिया गांव में लगभग तीन वर्ष पूर्व लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिंदुरिया को विभाग द्वारा आजतक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा नहीं मिल सका। केंद्र में चतुर्थ वर्गीय कर्मी से लेकर डॉक्टर तक के रहने का आवास भी बनाया गया है। इसी प्रकार कारूडीह पंचायत अंतर्गत स्वास्थ्य उपकेंद्र जगतपुर का निर्माण भी तीन वर्ष पूर्व ही किया गया है। आज इस भवन में विद्युतीकरण का कार्य करनेवाले कर्मी रहते हैं। वहीं गांव के एक युवक इस स्वास्थ्य उपकेंद्र में प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने का काम करते हैं। इसी प्रकार दो वर्ष पूर्व भी पहाड़पुर पंचायत अंतर्गत स्वास्थ्य उपकेंद्र पहाड़पुर का निर्माण भी राज्य सरकार द्वारा करा दिया गया है। वर्तमान में इस केंद्र पर बड़ी-बड़ी झांड़ियां उग आई हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिंदुरिया एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र जगतपुर तथा पहाड़पुर में आजतक स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक भी कर्मी की तैनाती नहीं की गई जिसके कारण ये विभाग का रहते हुए भी बेगाना बना हुआ है। हालांकि जब तीनों जगहों पर केंद्र का निर्माण किया जा रहा था तो इसकी जानकारी रामगढ़ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को नहीं दी गई थी। भवन बन जाने के बाद विभाग के वरीय अधिकारी के निर्देश पर भवन की चाबी उन्होंने जरूर प्राप्त की। रामगढ़ प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग के पास स्वास्थ्य केंद्र का जो दस्तावेज मौजूद है, उसमें रामगढ़ स्थित एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कड़बिधा, डांड़ो, नोनीहाट एवं गम्हरियाहाट स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 23 स्वास्थ्य उपकेंद्र है। विभाग के दस्तावेज में आजतक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिंदुरिया, स्वास्थ्य उपकेंद्र जगतपुर एवं पहाड़पुर का नाम नहीं है। कई स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थिति काफी जर्जर है इसे नया भवन न बनाकर विभाग ने किस प्रकार इस स्थान पर भवन बना दिया यह गंभीर विषय है। यहां बता दें कि लगभग 15 वर्ष पूर्व कांजवे गांव में भी रेफरल अस्पताल का निर्माण किया गया था लेकिन इस अस्पताल का संचालन नहीं होने के कारण आज रेफरल अस्पताल पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। विभाग यदि इन तीनों केंद्र पर जल्द कर्मी की तैनाती नहीं करता है तो आनेवाला दिन में इसे भी जर्जर अस्पताल बनने से कोई नहीं रोक सकता।

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिंदुरिया तथा स्वास्थ्य उपकेंद्र जगतपुर एवं पहाड़पुर में विभाग द्वारा कोई भी कर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है। इन तीनों केंद्रों में कर्मी की तैनाती के लिए विभाग से पत्राचार किया गया है। तीनों जगह पर भवन बनाने के लिए उनके द्वारा और न ही उनके विभाग द्वारा किसी प्रकार की अनुशंसा की गई है। भवन पूर्ण होने के बाद वरीय अधिकारी के आदेश पर भवन का हैंडओवर लिया।

डॉ. संजय कुमार मिश्र,

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, रामगढ़


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