Move to Jagran APP

झामुमो के अभेद्य दुर्ग पर भाजपा की निगाह

1980 से अबतक सिर्फ 2005 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो जामा सीट पर झामुमो का एकाधिकार बरकरार है। 2014 के विधानसभा चुनाव में दुमका के अनुसूचित जनजाति आरक्षित जामा सीट पर झामुमो के हाथों मात्र 2376 मतों से शिकस्त खाई भाजपा के रणनीतिकार आसन्न विधानसभा चुनाव में झामुमो के इस अभेद दुर्ग को भेदने की जुगत में है।

By Edited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 01:44 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 01:44 PM (IST)
झामुमो के अभेद्य दुर्ग पर भाजपा की निगाह
झामुमो के अभेद्य दुर्ग पर भाजपा की निगाह
जासं, दुमका: 1980 से अबतक सिर्फ 2005 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो जामा सीट पर झामुमो का एकाधिकार बरकरार है। 2014 के विधानसभा चुनाव में दुमका के अनुसूचित जनजाति आरक्षित जामा सीट पर झामुमो के हाथों मात्र 2376 मतों से शिकस्त खाई भाजपा के रणनीतिकार आसन्न विधानसभा चुनाव में झामुमो के इस अभेद दुर्ग को भेदने की जुगत में है। मुख्यमंत्री रघुवर दास की नजर भी जामा सीट पर खासतौर से केंद्रित हैं। यही वजह है कि वे मुख्यमंत्रित्व काल में तीसरी बार जामा की जनता से सीधा संवाद करने 24 नवंबर को जामा आ रहे हैं। दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में जामा सीट पर चुनावी रणनीति की कमान संभाल रहे रघुवर दास को जामा में भाजपा प्रत्याशी सुरेश मुर्मू के जीत की उम्मीद थी लेकिन चुनावी नतीजा झामुमो के पक्ष में चला गया। चुनाव के बाद जब रघुवर दास मुख्यमंत्री बनें और दुमका आए तो जामा के बेलकूपी में योजना बनाओ अभियान के साथ यहां की जनता की नब्ज पर हाथ रखने की शुरुआत की। दूसरी बार मुख्यमंत्री इसी वर्ष अप्रैल माह में जामा की भैरवपुर पंचायत के थानदार डुमरिया में रात्रि ग्राम चौपाल लगाकर यहां के ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। अब इसी पंचायत के मधुबन में किसान समागम के जरिए जामा की जनता से रुबरु होंगे। किसान समागम में संताल परगना के सभी छह जिले दुमका, देवघर, साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा एवं गोड्डा के किसान भी हिस्सा लेंगे। दरअसल रघुवर की मंशा है कि संताल परगना में झामुमो कि हनक को सत्ता व संगठन के आसरे मात दी जाए। इसी मंशा को लिए रघुवर अपनी तान झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी के उस परंपरागत सीट जामा से छेड़ने में लगे हैं जहां से गुरुजी पहली बार 1985 में चुनाव जीत कर विधानसभा के सदस्य बने थे। जामा विधानसभा सीट वर्ष 1980 से ही झामुमो के कब्जा में है। 1980 में पहली बार कांग्रेस के इस परंपरागत सीट को झामुमो के देवान सोरेन ने छीना था और तब से इस सीट पर झामुमो का दबदबा कायम है। ----------- एक बार झामुमो को मिली शिकस्त कभी कांग्रेस की परंपरागत सीट रही जामा को पहली बार झामुमो के देवान सोरेन ने 1980 में कांग्रेस से झटकने में सफलता हासिल की। इसके बाद यहां से पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन 1985 में कांग्रेस के प्रमेय मुर्मू को पछाड़ कर विधायक चुने गए। वर्ष 1990 में झामुमो के मोहरिल मुर्मू ने चुनाव जीता। वर्ष 1995 और 2000 के चुनाव में शिबू सोरेन के पुत्र दुर्गा सोरेन विधायक रहे। हालांकि दुर्गा इस सीट पर हैट्रिक लगाने से चूक गए और 2005 में भाजपा के सुनील सोरेन ने यहां कमल खिलाया। तब भाजपा में बाबूलाल मरांडी भी थे। हालांकि इसी मियाद में दुर्गा सोरेन के निधन के बाद उनकी पत्नी सीता सोरेन झामुमो के टिकट पर 2009 में भाजपा को शिकस्त देने में सफल रहीं और उन्होंने 2014 में भी झामुमो के दबदबे को कायम रखा है। ----------------- संताल की कई सीटों पर है भाजपा की निगाह संताल परगना में भाजपा की पैनी निगाह है। खासतौर पर शिकारीपाड़ा, नाला, महेशपुर, लिट्टीपाड़ा, बरहेट, पोडैयाहाट, पाकुड़ और जामताड़ा की सीट पर भाजपा के रणनीतिकार केंद्रित हैं। इसके लिए सत्ता और संगठन के अलावा मुद्दों को भी धार दिया जा रहा है। ------------ वर्जन ------ झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन जन-जन के नेता हैं। जामा ही नहीं संताल परगना में झामुमो की अपनी राजनीतिक जमीन है क्योंकि यहां की जनता यह जानती है कि झामुमो ही उनके हक व अधिकार की लड़ाई लड़ने वाली पार्टी है। यहां की जनता इस माटी के पार्टी के साथ मजबूत इरादों के साथ खड़ी है और रहेगी। भाजपा की खुंटचाल को जनता समझ रही है। विजय कुमार ¨सह, केंद्रीय महासचिव, झामुमो फोटो : 013 --------- मुख्यमंत्री रघुवर दास का जामा आगमन हो रहा है। जामा की जनता मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। भाजपा वोट की राजनीति करने के बजाए सबका साथ सबका विकास का पक्षधर है। जनता के बीच सरकार बार-बार इसलिए पहुंच रही है क्योंकि सरकार समग्र विकास चाहती है। झामुमो का खोटा सिक्का अब नहीं चलने वाला है। सुनील सोरेन, पूर्व विधायक फोटो : 014 --------------

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.