टूल रूम में बनेगा बांस तकनीकी केंद्र
बासुकीनाथ सूबे की उपराजधानी दुमका के जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत जरदाहा स्थित गवर्नमेंट टूल रूम एंड ट्रेनिग सेंटर (जीटीडीआरसी) में बांस तकनीकी केंद्र की स्थापना की जाएगी। संस्थान के प्राचार्य अनूप कुमार ने बताया कि दो दिवसीय बांस कारीगर मेला में गवर्नमेंट टूल रूम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। संस्थान की मशीनों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। इस क्रम में संस्थान द्वारा प्रदर्शनी के लिए लगाए गए स्टॉल पर उपयोगी मशीनों से बंबू कारीगरों को तकनीकी रूप से बांस की कारीगरी और इससे उपयोगी सामान बनाने में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
बासुकीनाथ : सूबे की उपराजधानी
दुमका के जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत जरदाहा स्थित गवर्नमेंट टूल रूम एंड ट्रेनिग सेंटर (जीटीडीआरसी) में बांस तकनीकी केंद्र की स्थापना की जाएगी।
संस्थान के प्राचार्य अनूप कुमार ने बताया कि दो दिवसीय बांस कारीगर मेला में गवर्नमेंट टूल रूम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। संस्थान की मशीनों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। इस क्रम में संस्थान द्वारा प्रदर्शनी के लिए लगाए गए स्टॉल पर उपयोगी मशीनों से बंबू कारीगरों को तकनीकी रूप से बांस की कारीगरी और इससे उपयोगी सामान बनाने में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। जिससे बांस के कारीगरों को पारंपरिक कारीगरी की लीक से हटकर संस्थान के मशीनों के मदद से अनेक उपयोगी सामान बनाने की जानकारी मिली। बताया कि बंबू कारीगर मेला में महत्वपूर्ण सहभागिता निभाने के बाद संस्थान द्वारा बांस तकनीकी केंद्र के स्थापना की घोषणा की गई है जिससे बांस के नए पुराने कारीगरों को पारंपरिक कारीगरी के व्यवसाय में काफी मदद मिलेगी। प्राचार्य ने बताया कि झारखंड सरकार उद्योग विभाग द्वारा संचालित गवर्नमेंट टूल रूम एंड ट्रेनिग सेंटर जरदाहा द्वारा दो दिवसीय बांस कारीगर मेला में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया। इस मेले में टूल रूम झारखंड राज्य का एकमात्र संस्थान रहा जो मेले में जीवंत प्रदर्शनी स्टॉल लगाकर अपनी मशीनें लगाई थी। जिसमें बांस कारीगरों को ध्यान में रखते हुए बिना बिजली से चलनेवाली मशीनों का प्रदर्शन किया गया। मशीनों में मूलरूप से बांस को दो, चार, छह या आठ भागों में काटने के लिए बंबू स्पिलटिग मशीन, बांस के गांठ को खत्म करने के लिए बंबू टर्निग मशीन और बांस से निíमत चाट, आइसक्रीम के लिए चम्मच बनाने के लिए स्पून डाई मशीन आदि शामिल हैं। तीनों मशीनें मेले का मुख्य आकर्षण केंद्र रही और जो कारीगर खासकर ग्रामीण इलाके से थे उन्हें यह मशीनें खूब पसंद आई। कारीगरों ने कुछ अपने लिए मशीनें बनवाने के लिए टूल रूम के प्राचार्य और अधिकारी लोगों से अपनी आवश्यकता व्यक्त की।