मुखाग्नि देकर छह साल की बिटिया बोली, कहां चले गए पापा..
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संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: महज छह साल की इस बच्ची की आंखों से झर झर आंसू बह रहे थे। कभी सुबकती तो कभी बिलख उठती, फिर सूनी आंखों से चिता पर लेटे पिता को निहारने लगती। अंत में वह पल भी आया जब इस बेटी को अपने पिता को मुखाग्नि देनी पड़ी। अपने चाचा की गोद में मौजूद स्नेहा का क्रंदन मुखाग्नि देने के साथ ही हवा में गूंजने लगा। उसके मुंह से बार बार यही निकल रहा था मेरे पापा मुझे छोड़ कहां चले गए। यह कारुणिक दृश्य सोमवार को लठियाजोरिया श्मशान घाट का था। जहां जम्मू-कश्मीर में तैनात बासुकीनाथ निवासी बीएसएफ जवान 33 वर्षीय मनजीत झा का अंतिम संस्कार हो रहा था। उनको राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।्र बड़े भाई दिलजीत झा ने कर्मकांड किया। स्नेहा जब मुखाग्नि दे रही थी तो हर आंख छलक उठी।
इससे पहले बीएसएफ जवानों ने मातमी धुन बजाई, तीन राउंड फायर कर सलामी दी। राष्ट्रीय ध्वज को सम्मानपूर्वक कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को सौंपा। उन्होंने ध्वज परिजनों को सौंपा। देश की सुरक्षा में डटे इस जवान की अंतिम यात्रा में कोरोना काल के बावजूद बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। उपायुक्त राजेश्वरी बी, अभियान एसएसपी आरसी मिश्रा, डीएसपी विजय कुमार, पूर्व सांसद अभयकांत प्रसाद, जिला परिषद सदस्य सह सांसद प्रतिनिधि जयप्रकाश मंडल, रविकांत मिश्रा, जरमुंडी बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू, सीओ राजकुमार प्रसाद, जरमुंडी थाना प्रभारी अतिन कुमार, पंडा धर्मरक्षिणी सभा अध्यक्ष मनोज पंडा, नपं अध्यक्ष पूनम देवी, उपाध्यक्ष अमित कुमार छोटू, पूर्व नपं अध्यक्ष मंटू लाहा ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए।
----------------- सीमा पर गश्त के दौरान हो गई थी मौत
उरी में तैनात जवान मनजीत की 15 मई को बीएसएफ टुकड़ी के साथ गश्ती के दौरान मौत हो गई थी। वे चंदा पोस्ट के समीप गश्त कर रहे थे। अचानक चक्कर आने से गिरे। साथी अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान चिकित्सकों ने मनजीत झा को मृत घोषित कर दिया है। मौत का कारण हार्टअटैक बताया गया।
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रात सवा एक बजे बासुकीनाथ पहुंचा पार्थिव शरीर
रांची एयरपोर्ट से रविवार शाम बीएसएफ के वाहन में मनजीत झा का पार्थिव शरीर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की अगुवाई में रात सवा एक बजे बासुकीनाथ पहुंचा। रात में ही बड़ी संख्या में ग्रामीण उनके आवास पर पहुंच गए थे। अनेक केराबनी मोड़, हरिपुर, डुमरिया, अम्बा, नन्दी चौक, काली मंदिर, दुर्गा मंदिर के पास भी जमा थे। 50 बाइक पर सवार युवा हरिपुर से ही पार्थिव शरीर ला रहे वाहन के आगे-आगे चल रहे थे। ये अमर शहीद मनजीत झा अमर रहें, भारत माता की जय, जय हिद, वंदे मातरम का घोष कर रहे थे। ग्रामीण देर रात से सुबह साढ़े आठ बजे तक शव यात्रा निकलने तक घर के बाहर बैठे रहे। पार्थिव शरीर को नगर भ्रमण के उपरांत घाट ले जाया गया। शव यात्रा पर लोगों ने पुष्प वर्षा की। फुलधरिया टोला के शंभू राव पूरे रास्ते श्मशान घाट तक सड़क पर पुष्प बिखेरते गए।
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.. मुझे किसके भरोसे छोड़ गए :
मनजीत की पत्नी कृति पति के पार्थिव शरीर से लिपटकर बिलख रही थी। बार बार कह रही थी, मुझे किसके भरोसे छोड़ कर चले गए। दिलासा दे रहे स्वजन भी उसका दर्द देख रो पड़े। भाई मोनू, सोनू, बाबू, दोस्त ब्रजेश, मिथलेश, गौतम, छोटू, दीपू, कुणाल, धीरज, अनिल, सुमन सहित दर्जनों लोग मनजीत से जुड़ी यादों की ही बातें कर रहे थे।
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श्मशान घाट पर मास्क एवं सैनिटाइजर वितरित :
शव यात्रा में उमड़ी भीड़ के बीच स्वजनों ने मास्क व सैनिटाइजर का कोरोना से बचाव को वितरण किया। बासुकीनाथ नगर पंचायत के सफाईकर्मियों ने मुख्य मार्ग से लेकर श्मशान घाट तक की साफ सफाई भी की गई थी। कार्यपालक पदाधिकारी राहुल आनंद खुद व्यवस्था देख रहे थे।
आश्रित को नौकरी व आर्थिक सहायता को सीएम को पत्र : मनजीत झा की ड्यूटी के दौरान हुई मौत पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा। कहा कि उनके परिवार में उनकी विधवा एवं एक छोटी बच्ची है। शहीद जवान के सम्मान में आश्रित को नौकरी व आर्थिक सहायता दी जाए। बासुकीनाथ में विधायक निधि से मनजीत झा की याद में प्रतिमा की स्थापना करवाएंगे।