दुमका पंस के सदस्यों ने मानदेय नहीं मिलने पर जताया आक्रोश
दुमका पंचायत समिति के सदस्यों ने 51 माह से लंबित मानदेय का भुगतान नहीं किए जाने पर आक्रोश जताया है। सदस्यों ने कहा कि राजग के बाद यूपीए की सरकार भी उनलोगों के साथ वादाखिलाफी कर रही है।
जागरण संवाददाता, दुमका: दुमका पंचायत समिति के सदस्यों ने 51 माह से लंबित मानदेय का भुगतान नहीं किए जाने पर आक्रोश जताया है। सदस्यों ने कहा कि राजग के बाद यूपीए की सरकार भी उनलोगों के साथ वादाखिलाफी कर रही है। कहा कि दुमका उपचुनाव से पूर्व झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन ने भी सदस्यों को यह भरोसा दिया था कि अगर वह विधायक चुने गए तो तुरंत मानदेय का भुगतान सुनिश्चित कराने की पहल करेंगे।
सदस्यों का कहना है कि उनके स्तर से किया गया वादा भी अब तक पूरा नहीं हो सका है, जबकि उनलोगों का कार्यकाल अब खत्म होने को है। कपांच वर्ष में महज नौ माह का ही भुगतान अब तक हो सका है। सरकार के स्तर से पंचायत समिति सदस्यों को प्रत्येक माह मात्र 750 रुपये का मानदेय भुगतान करती है। शुरुआत के नौ महीने का भुगतान तो किया गया, लेकिन इसके बाद से मानदेय अब तक लंबित है।
बीडीओ ने आवंटन के लिए लिखा है पत्र: सदस्यों के मुताबिक, इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी रजत अमित कुमार कच्छप को आवंटन उपलब्ध कराने के लिए एक पत्र भी लिखा है, जिसपर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। सदस्यों ने कहा कि 10 माह से कोरोना काल में जान की परवाह नहीं करते हुए पंचायत में जरूरतमंदों के बीच राहत सामग्री वितरित करने से लेकर जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविरों में हिस्सा लेने व अन्य दायित्वों का निर्वहन सदस्य करते आए हैं, इसके बावजूद मानदेय की मांग पर सरकारों ने निराश ही किया है। मानदेय के भुगतान को लेकर अब इनके द्वारा आंदोलनात्मक रुख अख्तियार करने का मन बनाया जा रहा है।