सरेंडर कर देता आकाश तो मिलते 70 लाख
एसपी ने कई बार आत्मसमर्पण कराने का किया था प्रयास नाम बदलकर पुलिस को देता रहा चकमा
जागरण संवाददाता, दुमका : पुलिस प्रशासन नक्सलियों के साथ पूरी तरह से हमदर्द है। उसका प्रयास है कि नक्सली आत्मसमर्पण करें, ताकि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिले। आकाश को भी पुलिस हर संभव सरकारी मदद दिलाने का प्रयास कई माह से कर रही थी। एसपी के नेतृत्व में एसएसबी व पुलिस के पदाधिकारियों ने कई बार उसके रामगढ़ प्रखंड के लखनपुर गांव का दरवाजा खटखटाया। काठीकुंड ससुराल जाकर भी दस्तक दी। यहां तक कुर्की जब्त की गई ताकि परिवारवालों की खातिर आकाश पुलिस के सामने हथियार डाल दें। परंतु आकाश को सरकार की पुनर्वास नीति सही ढंग से समझ में नहीं आयी। आत्मसमर्पण करने की बजाय वह खुद को तेज समझकर भागता फिरता रहा। आखिरकार वह पुलिस के चंगुल में आ ही गया। गिरफ्तार हो जाने की वजह से वह सरकारी नीति के तहत मिलने वाले 70 लाख की मदद से वंचित रह गया।
एसपी वाईएस रमेश की माने तो आकाश को सरेंडर कराने के लिए जितना संभव था, उतना प्रयास किया गया। दर्जनों बार उसके घर जाकर परिवारवालों का समझाने का प्रयास किया गया लेकिन वह हथियार डालने के लिए तैयार नहीं हुआ। अगर वह सरेंडर कर देता तो उसे पुनर्वास नीति के तहत 70 लाख से अधिक की सहायता मिलती। परिवार वालों को भी इसका लाभ मिलता लेकिन वह सबसे चूक गया। कहा कि अभी भी समय है, जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, वे जीवन भर खुशहाल रहेंगे और जो गिरफ्तार होंगे, उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिलेगी।
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नाम बदलकर कर रहा था काम
एसपी ने बताया कि आकाश के तीन नाम हैं। वह पुणे में साहेबराम हांसदा के नाम पर काम रहा था। मजदूरी करने वालों से ज्यादा जानकारी नहीं ली जाती थी। गिरफ्तारी के डर से वह छुपकर काम कर रहा था।
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कहीं भी रहेंगे ढूंढ निकालेंगे: नरपत
नक्सलियों से हमेशा दो दो हाथ करने में आगे रहने वाले सहायक कमांडेंड नरपत सिंह का कहना था कि नक्सलियों के पास अभी भी समय है। वे खुद को पुलिस के हवाले कर दें और सरकार की नीति का लाभ उठाएं। अगर वे ऐसा नहीं कर दूसरे राज्य में छुपकर बैठे है तो वे समझ लें कि एसएसबी उन्हें जहां भी होंगे खोज निकालेगी। अगर सामना हो गया तो उनकी मौत भी निश्चित है।
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पदाधिकारियों को मिला सम्मान
आकाश की गिरफ्तारी की भूमिका तैयार करने वाले पुलिस व एसएसबी के अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। एसपी वाईएस रमेश ने श्रीराम समद, पूज्य प्रकाश, अनिमेष नथानी, सुखविदर सिंह चहल, वकार हुसैन, एसएसबी के कमांडेंट परीक्षित बैरा, अभियान एसपी इमानबेल बास्की, आरसी मिश्रा व नरपत सिंह को सम्मानित किया। वहीं परीक्षित ने भी एसपी को प्रशस्ति पत्र देकर उनका सम्मान किया।
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छह नक्सलियों को ओपेन जेल भेजने की तैयारी
इसी साल 17 जून को पुलिस के सामने हथियार डालने वाले सिदो मरांडी, सुखलाल देहरी, भगत सिंह किस्कू, किरण टुडू, प्रेमशीला देवी व पीसी दी को हजारीबाग की ओपेन जेल भेजने की तैयारी चल रही है। एसपी ने बताया कि सभी को जेल भेजने के लिए न्यायालय से अनुमति मिल गई है। दो तीन दिन के अंदर सभी को हजारीबाग भेज दिया जाएगा। वहां वे परिवार के साथ खुशहाल जिदगी व्यतीत कर सकेंगे।