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अभाविप के जिला संयोजक ने लगाई फांसी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक 19 वर्षीय आदित्य आनंद ने फांसी लगा ली। सोमवार की सुबह मुफस्सिल थाने की पुलिस ने महुआडंगाल स्थित नानी के घर से उसका शव बरामद किया। मृतक मूल रूप से हंसडीहा का रहने वाला था। मामले में पिता कमलेश आनंद के बयान पर पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 07:32 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 07:32 PM (IST)
अभाविप के जिला संयोजक ने लगाई फांसी
अभाविप के जिला संयोजक ने लगाई फांसी

जागरण संवाददाता, दुमका: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक 19 वर्षीय आदित्य आनंद ने फांसी लगा ली। सोमवार की सुबह मुफस्सिल थाने की पुलिस ने महुआडंगाल स्थित नानी के घर से उसका शव बरामद किया। मृतक मूल रूप से हंसडीहा का रहने वाला था। मामले में पिता कमलेश आनंद के बयान पर पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया है। मौत की वजह जानने के लिए पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त किया है।

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आदित्य काफी साल से नानी के घर में रहकर पढ़ाई करता था। उसने इस बार एएन कॉलेज में सेमेस्टर वन में नामांकन के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उसका नामांकन नहीं हो सका था। परिषद के सदस्यों ने बताया कि रविवार की रात वह खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। सोमवार की सुबह छह बजे नानी जगाने आई तो उसका शव देखकर आवाक रह गई। सूचना मिलने पर मुफस्सिल थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह मौके पर पहुंचे और पंचनामा तैयार किया।

पिता ने थाना प्रभारी को बताया कि उन्हें बेटे की मौत की जानकारी मिली। उसने ऐसा क्यों किया, यह समझ से परे हैं। वह पढ़ाई में तेज भी था। थाना प्रभारी ने बताया कि स्वजन ने जो लिखित आवेदन दिया है, उसमें मौत के कारण का उल्लेख नहीं है। किसी तरह की शंका भी व्यक्त नहीं की है। मौत की वजह जानने के लिए उसका मोबाइल जब्त किया गया है। मामले की पड़ताल की जा रही है।

आदित्य की मौत से सदमे में परिवार

संस, हंसडीहा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक आदित्य कुमार राउत की आत्महत्या की खबर सुनकर हंसडीहा में रहने वाले उसके स्वजन सदमे में हैं। भागलपुर रोड में स्थित घर पर सुबह से ही लोग ढांढ़स बंधाने और शोक व्यक्त करने पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही उसका शव घर पहुंचा तो स्वजन की चीख पुकार से मोहल्ला गमगीन हो गया। मां बेटे के शव को देखकर बार-बार बेसुध हो जा रही थी। छोटी बहन कोने में बैठकर एकटक भाई के चेहरे को देख रही थी। पिता कमलेश आनंद कुछ बोल पाने की स्थिति में भी नहीं थे। आदित्य की मां के अनुसार, एक दिन पूर्व ही उससे बात हुई थी।


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