नेपाल से दुमका लौटे 49 मजदूर
दुमका लॉकडाउन के कारण दुमका के 49 मजदूर काठमांडो से 70 किमी दूर सिदुपाल में फंस गए थे। शनिवार सुबह भारत- नेपाल की सीमा रक्सौल से सभी मजदूरों को दुमका लाया गया। जिसके बाद आउटडोर स्टेडियम में स्वास्थ्य जांच कर सभी को उनके घर भेजने की व्यवस्था कर दी गयी। रातभर बस में सफर के कारण सभी इतने थके हारे थे कि सुबह बस से उतरते ही घर जाने को व्याकुल थे।
जागरण संवाददाता, दुमका: लॉकडाउन के कारण दुमका के 49 मजदूर काठमांडो से 70 किमी दूर सिदुपाल में फंस गए थे। शनिवार सुबह भारत- नेपाल की सीमा रक्सौल से सभी मजदूरों को दुमका लाया गया। जिसके बाद आउटडोर स्टेडियम में स्वास्थ्य जांच कर सभी को उनके घर भेजने की व्यवस्था कर दी गयी। रातभर बस में सफर के कारण सभी इतने थके हारे थे कि सुबह बस से उतरते ही घर जाने को व्याकुल थे। जाते जाते इतना कह गए कि हेमंत सरकार एवं जिला प्रशासन ने बहुत मदद की। रक्सौल से यहां तक आने में एक पाई भी खर्च नहीं हुआ। बहुत आराम से आए हैं। इसको लेकर मजदूरों ने शनिवार को एक घर पहुंचने के बाद वीडीयो शेयर किया। जानकारी हो कि उपायुक्त राजेश्वरी बी को जब नेपाल में दुमका के फंसे मजदूरों की पीड़ा का पता चला तो सरकार तक बात पहुंचा कर उस पर लगातार पहल की। चूंकि दो देशों के बीच का मामला था सो, थोड़ा वक्त लगा। इधर डीसी के निर्देश पर एसडीओ राकेश कुमार लगातार प्रयासरत थे। आने में जल्दबाजी के ख्याल से दिल्ली स्थित झारखंड भवन के स्थानीय आयुक्त मस्तराम मीणा से आग्रह किया। स्थानीय आयुक्त ने दूतावास में बात किया। इसके बाद बात आगे बढ़ी और सबको लाने के लिए 3 मई को दंडाधिकारी एवं सुरक्षा बल के साथ बस भेजा गया। 49 लोगों को बस के माध्यम से नेपाल बॉर्डर रक्सौल से दुमका लाया गया। जिसमें जरमुंडी प्रखंड के 20, सरैयाहाट प्रखंड के 2 एवं रामगढ़ प्रखंड के 27 लोग थे। सभी का स्वास्थ्य जांच एवं स्क्रीनिग कर 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में भेज दिया गया है।