हजारों-लाखों में फॉलोअर्स, फिर भी सरकार के फैसले को सराहा; यूथ मानते हैं TikTok पर बढ़ रही थी नकारात्मकता
टिकटॉक पर प्रतिबंध को लेकर बोकारो के युवाओं ने बेबाक अपनी राय रखी। सभी ने एक साथ सरकार के फैसले की सराहना की। साथ ही कहा कि इसपर तेजी से नकारात्मकता फैल रही थी।
बोकारो, जेएनएन। भारत-चीन सीमा पर तनातनी के बीच केंद्र सरकार ने 59 चाइनीज एप को बंद कर दिया। इसमें युवाओं के बीच लोकप्रिय टिकटॉक (Tiktok) भी शामिल है। वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर लागू लॉकडाउन में इस एप के प्रति युवाओं की दीवानगी सिर चढ़कर बोली। जो टिकटॉक को नहीं जानते थे, उन्होंने भी अपना अकाउंट इसपर बना लिया। हालांकि सीमा पर उत्पन्न मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार के इस रुख से युवाओं को कोई एतराज नहीं है।
युवाओं का मानना है कि महज टाइमपास के लिए इस एप पर अकाउंट बनाया था। वैसे भी इधर कुछ महीने से इसपर नकारात्मकता कुछ ज्यादा ही बढ़ रही थी। बंद करना सही फैसला है। कम से कम बोकारो के युवाओं का तो यही कहना है। आइए हम आपको ऐसे ही कुछ युवाओं से रूबरू करवाते हैं जो टिकटॉक पर नियमित वीडियो अपलोड करते हैं, इनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग भी है। हर दिन हजारों लाइक्स मिलते हैं। लेकिन आज टिकटॉक पर बैन होने पर भी इन्हें मलाल नहीं है।
क्या कहती हैं टिकटॉक स्टार्स :
- पिछले दो साल से टिकटॉक चला रही हूं। इस समय उनके 59 हजार फॉलोअर्स हैं। वीडियो बनाने के लिए टिकटॉक बहुत समय लेता है। एक बार शुरू करने पर समय का पता ही नहीं चलता। यह उनके लिए अच्छा है, जो सही सोच के साथ इसे बनाते हैं। यहां ज्यादातर नकारात्मक वीडियो बन रहे हैं। कुछ लोग कम समय में प्रसिद्धि पाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे थे। -श्रुति तिवारी, रेलवे कॉलोनी बोकारो।
- लगभग दो साल हो गए टिकटॉक का यूज करते हुए। टिकटॉक बैन होने से पहले तक दो लाख 15 हजार फॉलोअर्स थे। चीनी एप को हटाया जाए, लेकिन टिकटॉक यूथ के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसलिए इसे नहीं हटाने से पहले ऐसा ही कोई एप लाया जाना चाहिए था। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसपर सकारात्मक विचारों को बढ़ावा देते हैं, बेवजह उन्हें खामियाजा उठाना पड़ेगा। -अंजली झा, चास बोकारो।
- 38 हजार फॉलोअर्स हैं। लगभग साल हो गए एप का प्रयोग करते हुए। इसके बंद होने पर उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। सरकार का यह फैसला बिल्कुल सही है। अगर देश के लिए इसे हटाना है तो यह उचित है। हाल के दिनों में इस एप से बहुत ही नकारात्मक चीजों को प्रोत्साहित किया गया। लोगों को ऐसे नकारात्मक वीडियो आकर्षित करते हैं। लोग सही चीजें देखने की जगह उन्हें देखना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। -दिव्यांशी जायसवाल, चास बोकारो।
इनपुट : राशि उपाध्याय।