धनबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना काल ने लोगों के शारीरिक और मानसिक स्थिति दोनों पर काफी असर डाला है। लॉकडाउन में घरों में बंद होने से लोगों को मानसिक परेशानी उठानी पड़ी। वहीं, कैरियर, नौकरी और जीविकोपार्जन की चिंता ने भी समस्याएं बढ़ा दी। ऐसे में अब लोगों में सबसे अधिक अनिद्रा की समस्या देखी जा रही है।

धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पीजी ब्लॉक कोविड-19 सेंटर के प्रभारी रहे डॉ. डीपी भूषण बताते हैं कि अस्पताल में सबसे ज्यादा लोग अनिद्रा की शिकायत को लेकर आ रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण तो खत्म हो गया है लेकिन, इसका प्रभाव अब देखने को मिल रहा है।

डॉक्टर के अनुसार, जनवरी 2023 के बाद अब अनिद्रा की शिकायत करने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ी है। ऐसे लोगों का मेडिकल कॉलेज में इलाज हो रहा है। 

बेड पर जाने के आधे घंटे के बाद आनी चाहिए नींद

डॉ. भूषण ने बताया कि बेड पर जाने के आधे घंटे तक नींद नहीं आ रही है और यह सिलसिला सप्ताह में लगातार तीन दिन से तीन महीने तक चलता है। तो उसे अनिद्रा कहा जाता है।

डॉक्टर ने बताया कि इसकी शिकायत लेकर बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। लोगों का कहना है बेड पर जाने के घंटों बाद भी उन्हें नींद नहीं आ रही हैं। इसमें कई ऐसे लोग हैं, जिनके कोरोना महामारी के दौरान नींद में कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन अब यह ज्यादा होने लगी है। 

25 से 40 वर्ष के युवा सबसे ज्यादा है ग्रसित

डॉ. भूषण की मानें तो अनिद्रा की शिकायत को लेकर सबसे ज्यादा युवा वर्ग आ रहे हैं। इनकी उम्र 25 से 40 साल की है। दरअसल, यह वह उम्र है, जब लोग अपने कैरियर व्यवसाय पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं।

कई लोगों के व्यवसाय प्रभावित होने के कारण, कहीं परिवारिक कलह, कैरियर की चिंता आदि अनिद्रा के कारण बन रहे हैं। इसमें महिलाओं की भी काफी संख्या आने लगी है। 

मोबाइल और सोशल माध्यम भी कर रहा प्रभावित

डॉ. भूषण बताते हैं कि पोस्ट कोविड के दौरान यह पाया जा रहा है अनिद्रा से ग्रसित लोग मोबाइल और सोशल माध्यम का भी काफी उपयोग कर रहे हैं। यह अनिद्रा का एक सबसे बड़ा कारण बन रहा है। ऐसे में लोगों को प्राणायाम व्यायाम सहित अन्य योग मुद्राएं बताई जा रही हैं।

मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पताल में ले सकते हैं सलाह

अनिद्रा की शिकायत एक प्रकार का मानसिक रोग है। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग अथवा सदर अस्पताल स्थित युवा मैत्री केंद्र में जाकर सलाह लिया जा सकता है। मेडिकल कॉलेज में जहां हर उम्र के लोग जांच करवा सकते हैं। वहीं, सदर अस्पताल में 19 साल के नीचे युवा मानसिक सलाह ले सकते हैं। 

Edited By: Roma Ragini