सखी मंडल की जय हो! सोच से स्वावलंबन के पथ पर चल पड़ीं लक्ष्मी की महिलाएं Dhanbad News
सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं अलग-अलग सत्रों में अलग-अलग विषयों पर चर्चा करती हैं। स्वास्थ्य सत्र के दौरान लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी ली जाती है।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद के एग्यारकुंड ब्लॉक की सखी मंडल में शामिल महिलाएं अपनी सोच से स्वावलंबन की ओर बढ़ रही हैं। जय अाजीविका के नारे के साथ घर की चहारदीवारी से निकलकर महिलाएं न खुद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि राज्य के विकास में भी योगदान दे रही हैं।
धनबाद जिले के एग्यारकुंड प्रखंड में वर्तमान में कुल 242 महिला समूह सक्रिय हैं। दीदी के रूप में पहचान बनाने वाली महिलाएं स्वयं के रोजगार के साथ-साथ दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आमकूड़ा क्लस्टर कालीपहाड़ी की लक्ष्मी आजीविका सखी मंडल ने पौधारोपण, पशु देखभाल, बैंक खाता खोलने के लिए जागरूक करने सहित कई ऐसे काम कर रही हैं, जिससे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। समूह में नियमित साप्ताहिक बैठक, साप्ताहिक बचत, आंतरिक उधार देना व समय पर उधार वापसी, सही हिसाब किताब रखना सखी मंडल की महिलाओं का काम है।
अलग-अलग सत्रों में होती है चर्चाः सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं अलग-अलग सत्रों में अलग-अलग विषयों पर चर्चा करती हैं। स्वास्थ्य सत्र के दौरान लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी ली जाती है। रोगों की रोकथाम से लेकर निरोग रहने तक के टिप्स दिए जाते हैं। वहीं पढ़ाई सत्र के दौरान बच्चों की शिक्षा पर चर्चा की जाती है। अगर पास पड़ोस में कोई बच्चा स्कूल नहीं जाता है तो मंडल से जुड़ी महिलाएं उनके घर जाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके अलावा ग्राम सभा सत्र, सरकारी योजना सत्र, आजीविका बढ़ाओ सत्र भी समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं।
सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। इन्हें स्वावलंबी बनाने के लिये ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है।
-अनंत कुमार, बीडीओ, एग्यारकुंड