बलियापुर के निपनिया व रखितपुर गांव के कई लोग आज भी जंगल की लगाते हैं दौड़, बोलें- ओडीएफ का बोर्ड झूठा Dhanbad News
बलियापुर के निपनिया और रखितपुर गांव को ओडीएफ होने का दावा कर गुरुवार की शाम को प्रशासन ने बोर्ड लगा दिया। जब ग्रामीणों ने यह बोर्ड देखा तो वे हतप्रभ रह गए।
धनबाद, जेएनएन। बलियापुर की कुसमाटांड़ पंचायत के निपनिया और भिखराजपुर पंचायत के रखितपुर गांव को खुले में शौचमुक्त (ODF) होने का दावा कर गुरुवार की शाम को प्रशासन ने बोर्ड लगा दिया। शुक्रवार सुबह जब दोनों गांवों के ग्रामीणों ने बोर्ड देखा तो वे हतप्रभ रह गए। उनका पारा चढ़ गया। उनका कहना था कि अभी भी इन गांवों में सौ से अधिक परिवारों को शौचालय का लाभ नहीं मिला है।
स्वच्छता अभियान कार्यक्रम के तहत ग्रामीण इलाके के सभी घरों में शौचालय दिए जा रहे हैं। पीएचइडी की ओर से यह काम हो रहा है। ग्रामीण इलाके में पंचायत के मुखिया व गांव में चयनित जल सहिया के नाम संयुक्त रूप से शौचालय निर्माण के लिए विभाग की ओर से राशि उपलब्ध कराई गई थी। कुसमाटांड़ पंचायत के मुखिया मधुसूदन मोदक ने कहा कि उनकी पंचायत के निपनिया गांव में अभी भी डेढ़ सौ के करीब परिवारों को शौचालय निर्माण का लाभ नहीं मिला है।
ग्रामीणों को ओडीएफ का बोर्ड लगाने की कोई सूचना नहीं
मुखिया ने बताया कि कुसमाटांड़ गांव में भी दर्जनों परिवार इससे वंचित हैं। बलियापुर के बीडीओ को शिकायत कर शौचालय निर्माण की मांग की गई थी। गांव में ओडीएफ होने का बोर्ड लगाने की भी कोई सूचना नहीं दी गई। बोर्ड किसने लगाया, नहीं जानते है।
चुनाव से पहले बोर्ड लगाना राजनीतिक साजिश
इधर, भिखराजपुर पंचायत के रखितपुर गांव में भी ओडीएफ का बोर्ड लगाने से ग्रामीणों में रोष है। गांव के अंसारी टोला में करीब एक सौ परिवारों को शौचालय का लाभ नहीं मिला है। रखितपुर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता शकील अंसारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय गांव में इस तरह का बोर्ड लगाया जाना राजनीतिक साजिश है।
मुख्य बातें :
- शौचालय निर्माण की मांग करने के बाद भी बीडीओ ने नहीं दिखाई रुचि
- चुनाव के समय गांव में बोर्ड लगाने को ग्रामीण बता रहे राजनीतिक साजिश
- ग्रामीणों में बिना सूचना ओडीएफ बोर्ड लगाए जाने को लेकर रोष
- 150 परिवारों को निपनिया गांव में नहीं मिला शौचालय निर्माण का लाभ