Move to Jagran APP

भारतीय रेलवे का जवाब नहीं ! यहां बिन इंजन भी दाैड़ती रेलगाड़ी

पांच मार्च को हिल कॉलोनी में रखे केबल में आग लग गई थी। कोयलांचल में अगलगी की ऐसी पहली घटना थी जिसमें लगी भीषण आग के धुएं का गुबार 10 किमी दूर से भी दिख रहा था। पांच करोड़ से ज्यादा रकम का केबल जलकर राख हो गया था।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 08:58 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 05:39 AM (IST)
भारतीय रेलवे का जवाब नहीं ( प्रतिकात्मक फोटो)।

धनबाद [ तापस बनर्जी ]। भारतीय रेलवे में कुछ भी संभव है। इसका जवाब नहीं। जब पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कांप रहा था और लोगों की सांसें टूटने लगी थी तो रेलवे ही था कि आक्सीजन एक्सप्रेस दाैड़ा दिया। मृत्युशैय्या पर पड़े लक्ष्मण को बचाने के लिए जैसे हनुमान ने संजीवनी पर्वत ही उठा लाए थे उसी तरह रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस दाैड़ा देश के सभी राज्यों में देखते ही देखते प्राणवायु भर दी। यह तो रेलवे के लिए छोटी-मोटी बात है। अब बड़ी बात धनबाद की है। बिना इंजन के भी रेलगाड़ी चला दी। दो दिन पहले धनबाद स्टेशन के कोचिंग डिपो में खड़ी सात कोच की रेलगाड़ी बिना इंजन के आधा किमी का सफर कर ली। पुराना बाजार के लोग बिना इंजन के रेलगाड़ी चलते देखे तो अवाक रह गए। पुराना बाजार में रेल पटरी के आगे कूड़े का टीला और खूब झाडिय़ां थी। सो, रेलगाड़ी रुक गई वरना डायमंड क्रासिंग भी पार हो जाता। रेल अधिकारी दावा कर रहे हैैं कि सेफ्टी चेन बंधा था तो भी रेलगाड़ी चल पड़ी। सिर्फ 250 मीटर का सफर हुआ। खैर, रेलवे इस कमाल की जांच करेगी ही। किसी पर गाज गिरेगी भी। वैसे, बिना इंजन के रेलगाड़ी चलने का यह पहला वाकया नहीं है। एक जनवरी 2020 को भी कोचिंग यार्ड से यात्री रेलगाड़ी का डिब्बा लुढ़क गया था। मालगाड़ी से जोरदार टक्कर हुई थी।

loksabha election banner

आग ने छीन लिया रास्ता

पांच मार्च को हिल कॉलोनी में रखे केबल में आग लग गई थी। कोयलांचल में अगलगी की ऐसी पहली घटना थी जिसमें लगी भीषण आग के धुएं का गुबार 10 किमी दूर से भी दिख रहा था। पांच करोड़ से ज्यादा रकम का केबल जलकर राख हो गया था। हाजीपुर में पूर्व मध्य रेल के मुख्यालय और रेलवे के दिल्ली मुख्यालय तक इस आग की आंच पहुंच गई। जले हुए केबल रेल एसपी की कोठी से सटी हिल कॉलोनी की राह पर बिखरे पड़े हैैं। जले केबल ने रास्ता को जाम कर रखा है। जांच कमेटी भी बनी है। जांच शुरू नहीं हुई है। कॉलोनी के केबल स्टॉक को हटाकर दूसरी जगह ले जाने की लंबी चौड़ी योजना भी बनाई जा चुकी है। मकसद है कि भविष्य में अगलगी जैसे हादसे नहीं हो। अब सरकारी योजना तो सब समझते हैैं। फाइलों में सुरक्षित है।

डीआरएम को ट्वीट, एक्शन क्विक

धनबाद से पटना जानेवाली गंगा-दामोदर एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म दो पर खड़ी है। पूरी ट्रेन में अंधेरा है। पंखे बंद हैं। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं पसीना से नहा चुके हैैं। बहुत देर तक इंतजार के बाद भी जब बिजली नहीं आई तो मृत्युंजय कुमार नामक यात्री ने डीआरएम को ट््वीट किया। लिखा कि महोदय ट्रेन में अभी तक बत्ती और पंखा नहीं चलाया गया है। 11 बजने को है। बच्चे और बूढ़े को बिना लाइट और पंखे के नहीं बिठाया जा सकता है। बस इतना लिखना ही काफी था। डीआरएम फौरन हरकत में आ गये। कैरेज एंड वैगन विभाग के मुखिया सीनियर डीएमई को तुरंत यात्री का संदेश भेजा गया। उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि विभागीय कर्मचारी ने स्वीच ऑन कर दिया है। सिर्फ पांच मिनट में समस्या का समाधान हो गया। यात्री से पूछा भी गया कि कोई और शिकायत है। यात्री ने जवाब दिया, धन्यवाद।

पैसेंजर है तो समय मत देखिए

दो दिन पहले ही ट्रेनों के समय पालन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का खिताब पूर्व मध्य रेल को मिला है। यह खिताब पाने में धनबाद रेल मंडल की भी अहम भागीदारी रही है। दावा किया गया कि 95 फीसद ट्रेनें समय पर चली है। पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को समय सीमा के पालन के दावा पर बिल्कुल यकीन नहीं है। डीआरएम, रेल मंत्री से लेकर पीएमओ तक लेटलतीफी की लगातार शिकायतें की जा रही हैैं। बुरा हाल आसनसोल-गोमो के बीच शाम को चलने वाली मेमू पैसेंजर का है। आसनसोल से समय पर ट्रेन खुल रही है तो आधे रास्ते में पहिये पंचर हो जा रहे हैैं। हावड़ा और सियालदह राजधानी को आगे निकालने के लिए कही भी मेमू रुक जाती है। चंदन कुमार ङ्क्षसह का दर्द है, उन्होंने अब तक 500 बार शिकायत की है। कोई सुनता नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.