ओडिशा से धनबाद आ रहा 404 किलो गांजा जब्त, चार गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, धनबाद: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रांची यूनिट ने बोकारो-धनबाद हाईवे पर चास मुफ
जागरण संवाददाता, धनबाद: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रांची यूनिट ने बोकारो-धनबाद हाईवे पर चास मुफस्सिल थाना के सामने एक ट्रक पर लदा 404 किलो गांजा पुलिस ने जब्त कर लिया। पूरे मामले में छापेमारी टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गांजे की कीमत करीब 40 लाख रुपये आंकी गई है।
गिरफ्तार आरोपितों में ट्रक संख्या जेएच10एएन-0831 का चालक चिकिसिया चास मुफस्सिल निवासी संजय यादव, खलासी का काम करनेवाला धनबाद के गो¨वदपुर निवासी डब्लू गोप, तेतुलमारी निवासी संतोष ¨सह और श्रीराम ¨सह है। छापेमारी टीम के अगुवा इंटेलिजेंस ऑफिसर अमित कुमार भगत ने बताया कि धनबाद निवासी श्रीराम ¨सह ओडिशा के बाड़ीपादा जिले से ट्रक पर गांजा लाद अपने ठिकाने पर मंगवा रहा था।
एनसीबी को सूचना मिली तो टीम के सदस्य बोकारो पहुंचे और मुफस्सिल थाना के ठीक सामने वाहन जांच शुरू कर दी। ट्रक को रोककर जब जांच की गई तो इसमें कई बोरों में भरा गांजा बरामद हुआ। ट्रक चालक, खलासी समेत संतोष ¨सह को गिरफ्तार किया गया। चालक-खलासी ने बताया कि ट्रक में बैठा तीसरा व्यक्ति संतोष मुख्य धंधेबाज श्रीराम ¨सह का सहयोगी है। टीम के सदस्यों ने धनबाद जाकर मुख्य धंधेबाज श्रीराम को गिरफ्तार कर लिया।
टीम के सदस्यों ने बताया कि धंधे के अंतिम सिरे तक जांच पहुंचेगी। छापेमारी टीम में अमित कुमार भगत के अलावा संजय कुमार मिश्रा, सुरेश कुमार ¨सह, राहुल कुमार त्रिपाठी और रवि रंजन शामिल थे।
ट्रक के केबिन में बना था गांजा छिपाने का सेफ: खाली ट्रक के केबिन में बहुत सफाई से बने एक सेफ में गांजा छिपाकर धंधेबाज ले जा रहे थे। एक बार देखने से किसी को कोई संदेह नहीं होता था। छापेमारी टीम को भी केबिन में बने इस सेफ को खोजने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
तेतुलमारी से गांजा तस्कर गिरफ्तार: रांची एनसीबी की टीम बुधवार की देर रात थाना क्षेत्र की बीघा बस्ती पहुंची। टीम गांजा तस्करी के आरोपित श्रीराम ¨सह को पकड़कर अपने साथ ले गई। पुलिस ने बताया कि दो दिन पूर्व रांची में गांजा से लदे एक ट्रक को जब्त किया गया था। गिरफ्तार चालक की निशानदेही पर पुलिस देर रात तेतुलमारी थाना पहुंची और आरोपित को उसके आवास से पकड़कर साथ ले गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आरोपित तेतुलमारी, सिजुआ तथा कतरास के विभिन्न इलाकों में बाहर से गांजा लाकर आपूर्ति करता था।
श्रावणी मेले में खपाने की योजना: गांजा की इतनी बड़ी खेप का पकड़ा जाना बड़ी उपलब्धि है। माना जा रहा है कि ये खेप श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर मंगवाया जा रहा था। इस तरह के कई खेप अभी और पहुंचने थे। देवघर में आयोजित होनेवाले वैश्रि्वक स्तर के इस महीने भर के मेले के दौरान गांजे की खूब बिक्री होती है।
गांजा गली ही पड़ गया नाम: पुराना बाजार में गांजा गली है। ये नाम अब आम हो चुका है। असल में यहां ठाकुर परिवार की कई पुश्तें गांजा बेचने का काम करती आ रही हैं। पुराना बाजार के पानी टंकी में भी गांजा की बिक्री होती है। यहां पर अनिल नामक गांजा कारोबारी को जिले के बड़े गांजा तस्करों में शुमार किया जाता है। इन दोनों के अलावा बस स्टैंड, स्टेशन रोड, आइएसएम गेट, कोयला नगर, बेकारबांध आदि इलाकों में भी गांजा के छोटे-छोटे कारोबारी अपना साम्राज्य फैला चुके हैं।
दोगुनी है कमाई: धनबाद में गांजा की आपूर्ति बिहार, ओडिशा और साउथ से होती है। सबसे महंगा गांजा साउथ का होता है। कारोबारी 4500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से गांजा खरीदते हैं, जबकि बिक्री दस हजार रुपये किलो तक होती है। अधिक नशा देनेवाले गांजा इससे भी अधिक कीमत पर बिकते हैं।
कतरास व केंदुआ से जिले में सप्लाई: फिलहाल गांजा कारोबार का मुख्य सेंटर कतरास बना हुआ है। कतरास के अलावा केंदुआ में भी गांजा के बड़े कारोबारी हैं। कतरास व केंदुआ में गांजा पहुंचने के बाद वहां से पूरे जिले में सप्लाई की जाती है। कतरास व केंदुआ से जिले के छोटे-छोटे कारोबारी गांजा की खरीदारी करते हैं और अपने यहां लाकर बेचते हैं।
लग्जरी वाहनों में ढोए जाते हैं गांजा: कतरास के दो कारोबारियों में विवाद के बाद पुलिस ने लगातार गांजा पकड़ा था। ये गांजा छोटे लग्जरी वाहनों में रखकर लाए जाते थे। गांजा के साथ तब कई महंगी कारें भी जब्त हुई थीं, लेकिन पिछले छह महीने से जीटी रोड में जिला पुलिस द्वारा गांजा नहीं पकड़ा गया है।