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हरियाजाम 27 नंबर खदान में अवैध मुहाने से पानी घुसा

संवाद सहयोगी निरसा हरियाजाम 27 नंबर खदान में कुहंका के समीप अवैध कोयला मुहाना के रास्

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 05:58 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 05:58 PM (IST)
हरियाजाम 27 नंबर खदान में अवैध मुहाने से पानी घुसा

संवाद सहयोगी, निरसा : हरियाजाम 27 नंबर खदान में कुहंका के समीप अवैध कोयला मुहाना के रास्ते खुदिया नदी का पानी घुसा है। सूत्रों के अनुसार गुरुवार की रात व शुक्रवार को हुई जबरदस्त बारिश के दौरान नदी का पानी खदान में प्रवेश किया है। खदान में पानी भर जाने के कारण एक एसडीएल मशीन भी पानी में डूबी हुई है। यहां से कोयला उत्पादन हो रहा था । उसके लगभग 10 पिलर ऊपर तक पानी चढ़ गया है जिस कारण कोयले का उत्पादन प्रभावित है।

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हरियाजाम कोलियरी के एजेंट व प्रबंधक को झाड़ पिलाई

हरियाजाम 27 नंबर भूमिगत खदान का उत्पादन एक सप्ताह से बंद रखने की जानकारी पाकर डीटी कोलियरी के एजेंट व प्रबंधन पर जमकर भड़के। उन्होंने कहा कि खदान में पानी घुस गया और उत्पादन प्रभावित है। इससे बड़े दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है। खदान में पानी कैसे घुसा। बरसात के पूर्व सभी अधिकारियों को बचाव के उपाय करने के लिए सख्त हिदायत दी गई थी। इसके बावजूद खदान में पानी कैसे प्रवेश कर गया। उन्होंने कोलियरी के नक्शे का अवलोकन कर अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द पानी की निकासी करवाकर उत्पादन शुरू करें। ईसीएल के तकनीकी निदेशक ने किया दौरा

ईसीएल के तकनीकी निदेशक बीबी रेड्डी शुक्रवार को मुगमा एरिया का दौरा किया। उन्होंने बैजना कोलियरी के खुशरी ओसीपी, बराकर इंजीनियरिग फाउंड्री वर्कशाप, हरियाजाम 27 नंबर व 5/6 नंबर भूमिगत खदान पहुंचकर कोयला उत्पादन और डिस्पैच की जानकारी ली। हरियाजाम 27 नंबर भूमिगत खदान में भारी मात्रा में पानी घुस जाने के मामले में कोलियरी के एजेंट व प्रबंधक को जमकर झाड़ पिलाई। अधिकारियों को सुरक्षा के साथ कोयला उत्पादन नियमित करने का निर्देश दिया। डीटी सबसे पहले बैजना कोलियरी कार्यालय पहुंचे। अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद खुशरी ओसीपी का दौरा कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया। उसके बाद बराकर इंजीनियरिग फाउंड्री वर्कशाप पहुंचे। वहां उन्होंने प्रबंधक के साथ-साथ मजदूरों से बातचीत की। कहा कि बराकर इंजीनियरिग फाउंड्री वर्कशाप के नीचे काफी मात्रा में कोयला है। खुशरी ओसीपी का विस्तारीकरण कर यहां से कोयला निकाला जाएगा। भूमिगत खदानें कम हो रही हैं। साथ ही, मजदूरों की कमी है। यहां के मजदूरों को दूसरी कोलियरी में स्थानांतरित किया जाएगा। इस पर विचार-विमर्श चल रहा है। बराकर इंजीनियरिग फाउंड्री वर्कशाप सरकारी करण के पहले से कार्यरत है। बिल्डिग भी पुरानी है। इसे नए ढंग से कैसे संचालित किया जाए इसपर भी विचार किया जा रहा है। साथ में मुगमा एरिया के महाप्रबंधक बीसी सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद थे।


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