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दूसरे दिन भी झरिया में जलापूर्ति ठप होने से हाहाकार, SDO ने कहा- ठंड के कारण नहीं हो पा रही इंटेकवेल की सफाई Dhanbad News

Water Crisis in Jharia झरिया शहर व इसके आसपास क्षेत्रों में शुक्रवार को दूसरे दिन भी जलापूर्ति ठप रही। वहीं झमाडा ने अपनी लापरवाही छुपाने के लिए सारा दोष ठंड पर मढ़ दिया है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 10:27 PM (IST)
दूसरे दिन भी झरिया में जलापूर्ति ठप होने से हाहाकार, SDO ने कहा- ठंड के कारण नहीं हो पा रही इंटेकवेल की सफाई Dhanbad News
दूसरे दिन भी झरिया में जलापूर्ति ठप होने से हाहाकार, SDO ने कहा- ठंड के कारण नहीं हो पा रही इंटेकवेल की सफाई Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। Water Crisis in Jharia झरिया शहर व इसके आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार को दूसरे दिन भी जलापूर्ति ठप रही। पानी के लिए चार लाख से अधिक लोगों में हाहाकार मचा रहा। शहर की घनी आबादी वाले इलाकों में जलापूर्ति नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं, जामाडोबा जल संयंत्र के अधिकारियों व कर्मियों ने अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए ठंड पर सारा दोष मढ़ दिया है।

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जामाडोबा जल संयंत्र के एसडीओ पंकज झा का कहना है कि इंटेकवेल में शैवाल की समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि ठंड के कारण झमाडा कर्मी दामोदर नदी में पूरी तरह से इंटेकवेल में फंसे शैवाल व जलकुंभी को नहीं निकाल पा रहे हैं। ठंड में पानी में डूबकर शैवाल को हटाने में कर्मियों को काफी परेशानी हो रही है। दो-तीन दिन में गर्मी बढने पर स्थिति सामान्य हो जायेगी। झा ने कहा कि झरिया के जलागार में रात को ही आंशिक जलापूर्ति की गई है। कई क्षेत्रों में आंशिक जलापूर्ति की गई। 

ये है मामला : जामाडोबा जल संयंत्र स्थित दामोदर नदी में शैवाल, जलकुंभी जमा गया है। इसके कारण गुरुवार से ही झरिया शहर व इसके आसपास क्षेत्रों में जलापूर्ति ठप है। नदी के इंटेकवेल से संयंत्र के 12 एमजीडी व नौ एमजीडी फिल्टर प्लांट में जल भंडारण करने में परेशानी हो रही है। पूरी तरह से पानी फिल्टर प्लांट में नहीं पहुंच रहा है। इस कारण झरिया जलागार में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। अगर समय रहते झमाडा अधिकारी शैवाल, जलकुंभी की सफाई करवा देते तो इस समस्या को रोका जा सकता था। 

झमाडा कर्मियों ने भी ठंड को बताया जिम्मेदार : सफाई में लगे कर्मी एमएस दाउदी ने बताया कि शुक्रवार को 11 बजे के बाद शैवाल की सफाई में आधा दर्जन लोग लगे। तीन बार शैवाल व जलकुंभी की सफाई की गई, लेकिन हटाने के कुछ देर बाद वह फिर से जमा हो जाता है। कर्मी सुरेश राउत ने बताया कि ठंड के मौसम में शैवाल व जलकुंभी अधिक आता है, इसलिए इंटेकवेल की सफाई करने में परेशानी हो रही है। असलम खान ने कहा कि सूरज की तपिश अधिक होने पर शैवाल पानी में ही गल जाता है। तब ज्यादा समस्या नहीं होगी। झरिया में जल्द जलापूर्ति की व्यवस्था में लगे हैं।


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