कानून का नहीं डर: मिन्नतें करती रही आरजू, खाविंद ने स्पीड पोस्ट से भेजा तलाक
आरजू ने पति मोहम्मद वसीम ससुर मोहम्मद अख्तर हुसैन सास मेहताब आरा नंदोई मोहम्मद मेहताब ननद रिंकू परवीन एवं देवर मोहम्मद नसीम के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
गिरिडीह [ प्रभात सिन्हा ]। उसकी आंखों के आंसू थम नहीं रहे थे। हर ओर अंधेरा छाया था। समझ में नहीं आ रहा था, अब क्या होगा। जिंदगी के हर कदम पर साथ निभाने का वादा करने वाला जीवनसाथी ही उसके कलेजे पर बर्छियां बरसा गया। दहेज के लिए प्रताडि़त किया, फिर घर से निकाला। जुल्म की इंतेहा तब हो गई, जब उसे स्पीड पोस्ट से पत्र भेजकर तलाक का फरमान सुना दिया। यह कहानी गिरिडीह के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के झगरी मुहल्ला की आरजू परवीन की है, जिसकी जिंदगी में तलाक का संदेश भूचाल ले आया। आरजू ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराकर न्याय मांगा है।
सदमे से टूट गई आरजू ने कहती है कि 4 साल पूर्व 9 अक्टूबर 2015 को झगरी निवासी मोहम्मद वसीम के साथ निकाह हुआ। बाबुल के घर से चली तो दामन में खुशियों की उम्मीदें पाल रखी थीं। शौहर की गिरिडीह के तिरंगा चौक में सिलाई की दुकान है। दो साल का वक्त अच्छा गुजरा, उसके बाद मायके से एक लाख रुपये नकद और बाइक लाने का दबाव बनाया गया। यह कहते हुए कि नहीं लेकर आई तो तलाक दे देंगे। वसीम की दूसरी शादी की जाएगी। उसके साथ आए दिन मारपीट होने लगी। 12 अगस्त 2019 को अचानक घर के लोग उस पर टूट पड़े। सबके कहने पर पति ने घर से निकाल दिया। हमारा एक ही ठौर था मायका सो वहां आ गए। 4 दिसंबर को पति ने स्पीड पोस्ट से तीन तलाक लिखकर पत्र भेज दिया। रोते-रोते उसकी आंखें लाल हो गईं थीं, अचानक बोली-हिम्मत नहीं हारेंगे, इंसाफ लेकर रहेंगे।
आरजू ने पति मोहम्मद वसीम, ससुर मोहम्मद अख्तर हुसैन, सास मेहताब आरा, नंदोई मोहम्मद मेहताब, ननद रिंकू परवीन एवं देवर मोहम्मद नसीम के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर का कहना है कि अनुसंधान की जिम्मेदारी सहायक अवर निरीक्षक इलियाजर बागे को दी है। उचित कार्रवाई होगी।