CMPF UNCLAIMED SCAM: रांची और आसनसोल से विजिलेंस ने जब्त कीं 338 फाइलें
सीएमपीएफ में अब तक 57 ऐसे मामले पकड़ में आए हैं जिनमें फर्जी कागजों के सहारे करीब 3.88 करोड़ की रकम निकाली गई है। सीसीएल के 38 और ईसीएल के 19 मामले हैं।
धनबाद, आशीष अंबष्ठ। कोल माइंस भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) में फर्जी कागजों के दम पर घपले के मामले में अब तक विजिलेंस ने 338 फाइलें आसनसोल और रांची सीएमपीएफ कार्यालय से जब्त की हैं। चार दर्जन से अधिक फाइलें आसनसोल कार्यालय से गायब हैं। उनकी तलाश हो रही है।
आसनसोल कार्यालय से 259 और रांची कार्यालय से 79 फाइलें जब्त हुई हैं। विजिलेंस को शक है कि इन फाइलों को गायब किया गया है। इसमें वही लोग शामिल हैं जिनके नाम सामने आ गए हैं। इन फाइलों के सामने आने पर करोड़ों रुपये के और गोलमाल का पता चलने की संभावना है। जिन खातों में रकम गई है, उनके लेनदेन पर रोक लगाने को विजिलेंस ने बैंक प्रबंधन से कहा है।
अब तक 57 ऐसे मामले पकड़ में आए हैं जिनमें फर्जी कागजों के सहारे करीब 3.88 करोड़ की रकम निकाली गई है। सीसीएल के 38 और ईसीएल के 19 मामले हैं। विजिलेंस को संदेह है कि 2015 से 2018 के बीच यह खेल हुआ। इस प्रकरण में दो बड़े अधिकारी और पांच कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। ये दोनों बड़े अधिकारी रांची व आसनसोल कार्यालय में पदस्थापित हैं। पांच में एक कर्मचारी की मौत हो चुकी है। ये अधिकारी जिन स्थानों पर रहे, वहां भी जांच एजेंसी पड़ताल करेगी। आसनसोल में पदस्थापित अधिकारी को धनबाद मुख्यालय बुला लिया गया है। रांची के अधिकारी अभी वहीं काम कर रहे हैं। देर-सबेर इन पर भी गाज गिरने की बात कही जा रही है। हालांकि इनके नाम का खुलासा करने से अभी विजिलेंस परहेज कर रहा है क्योंकि जांच प्रभावित हो सकती है। जांच को लेकर सीएमपीएफ विजिलेंस ने सीसीएल व ईसीएल विजिलेंस विभाग से सहयोग मांगा है। सीएमपीएफ के क्षेत्रीय कार्यालयों से नॉन एफेक्टिव अकाउंट से पैसा निकाले जाने का खुलासा होने के बाद हड़कंप मचा है। विजिलेंस की एक टीम हैदराबाद जा रही है क्योंकि वहां भी गोदावरी खनि व सिंगरैनी कोयला कंपनी हैं।
फर्जी दस्तावेज के सहारे ही खेला गया सारा खेलः बता दें कि सीएमपीएफ में पीएफ भुगतान में बड़ी गड़बड़ी हुई है। कोल इंडिया की सहयोगी इकाई सीसीएल नॉर्थ कर्णपुरा एरिया की पूरनाडीह, केडीएच, चुरी, बड़का सियाल परियोजना के 38 मृत कोलकर्मियों के 1 करोड़ 88 लाख 32 हजार 486 रुपये गलत दस्तावेज के सहारे उठा लिए गए। उसके बाद पता चला कि ईसीएल मुगमा एरिया की चार परियोजनाओं में 19 कर्मियों के करीब दो करोड़ रुपये उड़ा लिए गए। इसकी जांच के लिए सीबीआइ को पत्र भेजा गया है। हद तो ये है कि मृत कर्मी का बैंक में खाता खुलवा कर पेंशन भी लगवा दी गई।