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BSNL ऑफिस में विजिलेंस की दबिश, ठेकेदार से संबंधित मूल प्रतियां जब्त कर ले गई टीम Dhanbad News

BSNL में प्रबंधन ठेकेदार व कर्मियों के बीच खींचतान जारी है। ठेकेदार की शिकायत पर पिछले दिनों विजिलेंस की टीम ने यहां दबिश दी और ठेकेदार के कामकाज की मूल प्रतियां जब्त कर ले गई।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 11:51 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 11:51 AM (IST)
BSNL ऑफिस में विजिलेंस की दबिश, ठेकेदार से संबंधित मूल प्रतियां जब्त कर ले गई टीम Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। सरकारी दूरसंचार विभाग में प्रबंधन, ठेकेदार व कर्मचारियों के बीच खींचतान का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। एक ताजा मामले में प्रबंधन के तानाशाही रवैए के खिलाफ बीएसएनएल ठेकेदार ने आवाज बुलंद की है। नतीजा यह हुआ कि ठेकेदार की शिकायत पर जांच करने के लिए पिछले दिनों कोलकाता विजिलेंस की टीम ने यहां दबिश दी। टीम के सदस्य बीएसएनएल कार्यालय से ठेकेदार के कामकाज से संबंधित प्रबंधन के साथ हुए समझौते की मूल प्रतियां जब्त कर साथ ले गई है। 

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विभाग के सूत्रों की मानें तो विजिलेंस की टीम कार्मिक नगर स्थित एक्सचेंज के आइक्यू में रूकी और ठेकेदार की शिकायत प्रकरण की जांच की। टीम के सदस्य बीएसएनएल कार्यालय से ठेकेदार के कामकाज से संबंधित प्रबंधन के साथ हुए समझौते की मूल प्रतियां जब्त कर साथ ले गई है। विभागीय अधिकारी टीम को दस्तावेजों का जेरॉक्स दे रहे थे, लेकिन विजिलेंस ने स्वीकार नहीं किया। इस दौरान एक महिला अधिकारी ने कार्रवाई का विरोध किया। इस पर काफी हंगामा हुआ।

सूत्रों की मानें तो विजिलेंस की टीम ने इस मामले को सीबीआइ को सौंपने की चेतावनी तक दे दी। तब जाकर मामला शांत हुआ। मालूम हो कि इससे पूर्व भी ठेका मजदूरों को बिना वेतन दिए काम से बैठाने के फरमान को लेकर भी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए ५० दिन तक आंदोलन छेड़ा था। अब उनका मामला श्रम न्यायलय में विचाराधीन है।

क्या है मामला : बीएसएनएल प्रबंधन और मेसर्स वर्मा इंटरप्रेइजेज के ठेकेदार राजेश विश्वकर्मा के बीच एक साल से जिच चल रही है। ठेकेदार का लेबर सप्लाई करने का प्रबंधन के साथ करार है। उनके बिल भुगतान को लेकर ही मामला तूल पकड़ा। इसी बीच ठेकेदार ने बीएसएनएल में कार का टेंडर डालने की सोची। इस पर विभाग के एक वरीय अधिकारी ने उसमें अड़चन डाल दिया। इसके बाद वरीय अधिकारियों के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम बना दी गई। ठेकेदार ने भी कदम पीछे नहीं हटाया और विजिलेंस से लेकर ऊपर तक शिकायत कर दी। ठेकेदार राजेश विश्वकर्मा ने कहा कि उन्होंने वाहन का टेंडर डाला था, लेकिन प्रबंधन ने अड़चन डाल दी। इसकी शिकायत विजिलेंस से की थी।


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