Vedanta ESL Mishap: मरनेवाले तीन मजदूरों के आश्रितों को छह-छह लाख, नियोजन भी; समझौते के बाद स्वजन शव ले गए रांची
Vedanta ESL Mishap इलेक्ट्रो स्टील वेदांता के जीएम आइआर लक्ष्मण राव ने साफ कर दिया कि इस मामले में कंपनी की ओर से कुछ भी मदद नहीं की जा सकती है। उधर स्वजनों का कहना था कि इलेक्ट्रो स्टील कंपनी तो प्रधान नियोक्ता है। सारी जवाबदेही उसी की बनती है।
जागरण संवाददाता, बोकारो। इलेक्ट्रो स्टील वेदांता कंपनी में सोमवार की शाम दुर्घटना में तीन ठेका मजदूरों की मौत हुई थी। मंगलवार को मुआवजे को लेकर स्वजनों से प्रबंधन की करीब पांच घंटे सिटी पार्क के एक होटल में वार्ता हुई। छह-छह लाख रुपये आर्थिक मदद और आउटसोर्सिंग कंपनी में एक आश्रित को नौकरी की बात तय होने पर जिच खत्म हुई। इसके बाद शव लेकर स्वजन रांची चले गए।
त्रिपक्षीय वार्ता के बाद बनी सहमति
दरअसल, इलेक्ट्रो स्टील वेदांता के जीएम आइआर लक्ष्मण राव ने साफ कर दिया कि इस मामले में कंपनी की ओर से कुछ भी मदद नहीं की जा सकती है। उधर स्वजनों का कहना था कि इलेक्ट्रो स्टील कंपनी तो प्रधान नियोक्ता है। सारी जवाबदेही उसी की बनती है। इस कारण वार्ता में घंटों कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। त्रिपक्षीय वार्ता में इलेक्ट्रो स्टील वेदांता के अलावा आउटसोर्सिंग कंपनी प्रतिनिधि व प्रशासन के लोग थे। करीब पांच घंटे की वार्ता के बाद अंत में समझौते की स्थिति बनी। इसके बाद स्वजनों ने शव लिए और पोस्टमार्टम के बाद वापस रांची चले गए। मरने वाले तीनों मजदूर जर्मनी की आउटसोर्सिंग कंपनी थ्राइसेन क्रप्ट एलीवेटर प्राइवेट लिमिटेड के लिए काम करते थे।
विजिटर पास देकर काम के लिए भेजा गया था
सोमवार की शाम लिफ्ट का रस्सा टूटने से वेदांता इलेक्ट्रो स्टील में काम कर रहे रांची के इटकी निवासी शहनवाज उर्फ अकरम, हिंद पीढ़ी के दानिश उर्फ ओसामा व इलाहीनगर के मोहम्मद सुल्तान की जान गई थी। यह चार साल से बंद थी। वहीं मो. वारिस, असलम तथा वासू घायल हो गए थे। घायलों को इलाज के बाद सोमवार को छोड़ दिया गया। तीनों ने वार्ता में बताया कि उन्हें विजिटर पास पर काम के लिए भेजा गया था। लिफ्ट का रस्सा टूटने से वह गिर गई। इधर ठेका कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद मंगलवार को काम प्रारंभ करना था, मगर इस बीच दुर्घटना हो गई।
मामले की जांच की है। रिपोर्ट बुधवार को प्रस्तुत कर देंगे। काम करने वाली कंपनी विदेशी है, एक काम के लिए ही निविदा थी। इसलिए प्रधान नियोक्ता को लेकर जिम्मेदारी तय करने के लिए विभागीय अधिकारियों से बात करेंगे। 29 फीट ऊंचाई से लिफ्ट गिरने से मजदूरों की मौत हो गई।
- धीरेंद्र सिंह मुंडा, कारखाना निरीक्षक, बोकारो