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संडे ड्यूटी में कटौती के विरोध में गोलकडीह में संयुक्त मोर्चा का प्रदर्शन

संस तिसरा संडे ड्यूटी में कटौती के खिलाफ संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में कोल कर्मियों ने रवि

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 08:34 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 08:34 PM (IST)
संडे ड्यूटी में कटौती के विरोध में गोलकडीह में संयुक्त मोर्चा का प्रदर्शन
संडे ड्यूटी में कटौती के विरोध में गोलकडीह में संयुक्त मोर्चा का प्रदर्शन

संस, तिसरा : संडे ड्यूटी में कटौती के खिलाफ संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में कोल कर्मियों ने रविवार को गोलकडीह वर्कशाप का काम ठप कर दिया। प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कर खूब नारेबाजी की। सूचना मिलने पर प्रबंधक व अभियंता मौके पर पहुंचे। संयुक्त मोर्चा के नेताओं से वार्ता की, लेकिन बात नहीं बनी। आंदोलन जारी है। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि प्रबंधन अचानक यहां की संडे ड्यूटी में कटौती कर दी है। पहले प्रत्येक रविवार को 136 मजदूरों की हाजिरी बनती थी। इस बार प्रबंधन की ओर से 102 लोगों की लिस्ट जारी की गई है। यह गलत है। वर्कशाप में 156 मजदूर काम करते हैं। पहले से ही कई कर्मियों की संडे ड्यूटी में कटौती हो रही है। पहले जहां चार संडे ड्यूटी करने पर कर्मियों की एक संडे ड्यूटी में कटौती होती थी। इस बार प्रबंधन के फरमान के अनुसार तीन संडे ड्यूटी करने के बाद कटौती का फरमान जारी किया गया है। वर्कशाप के मजदूरों के साथ हमेशा भेदभाव होता रहा है। हम लोग यह चलने नहीं देंगे। जब तक 136 मजदूरों की लिस्ट जारी नहीं होगी। आंदोलन जारी रहेगा। प्रबंधक संदीप कश्यप व मुख्य अभियंता धीरन नेगी ने कहा कि अभी परियोजना की स्थिति सही नहीं है। कोयला उत्पादन में गिरावट आ गई है। उच्च अधिकारी के आदेश के तहत यह कटौती की गई है। अभी तत्काल पांच कर्मियों का संडे ड्यूटी बढ़ाने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन मोर्चा के नेता अपनी जिद पर अड़े हैं।

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मौके पर दिनेश सिंह, तुलसी रवानी प्रभाष सिंह, हीरालाल गोराई, रामू नोनिया, सुनील साहू, जगदीश साव, सुमन सिंह आदि थे। ----

प्रबंधन का पक्ष लेने पर एक कर्मी की हुई फजीहत :

वर्कशाप में काम करने वाले एक कर्मी को प्रबंधन का पक्ष लेकर दलाली करते हुए देखा गया। संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने उन्हें बुलाकर काफी फजीहत की। कहा कि वह भी किसी यूनियन से संबंध रखते हैं। उनको मजदूर हित की बात करना चाहिए। कोल कर्मी ने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी। बाद में कुछ लोगों ने मामला शांत कराया।


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