दीपक कुमार पाण्डेय, धनबाद: गोड्डा के मोतिया गांव में बन रहे अपने 1600 मेगावाट के पावर प्लांट का निरीक्षण करने के लिए अदाणी कंपनी के सीईओ गौतम अदाणी रविवार को पत्नी डॉ प्रीति अदाणी के साथ पहुंचे। अदाणी का यह पहला झारखंड दौरा था। प्लांट के शिलान्यास से लेकर अबतक यह पहला मौका है, जब कंपनी के सीईओ गोड्डा आए। कंपनी के स्थानीय अधिकारियों की ओर से इसके लिए बीते सप्ताह से ही तैयारी की जा रही थी। बता दें कि यहां उत्पादित बिजली से बांग्लादेश रोशन होगा, लेकिन इसके बदले में अदाणी ने राज्य सरकार को 400 मेगावाट बिजली एनटीपीसी से खरीद कर देने का करार किया है।
अदाणी ने अपने प्रोजेक्ट को देखकर संतोष जताया, लेकिन यह पावर प्लांट आज जिस स्थिति में है, वहां तक पहुंचने के लिए भी इसे हजार पापड़ बेलने पड़े। ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा, लेकिन रविवार को अदाणी दंपती ने तब मोतिया गांव का दौरा कर वहां के ग्रामीणों से बातचीत की तो सारे गिले-शिकवे दूर हो गए। उन दोनों के साथ जिले की डीडीसी अंजली यादव भी मौजूद रहीं। बाद में अदाणी दंपती ने पावर प्लांट के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक कर निर्माण कार्य की समीक्षा की।
800 मेगावाट क्षमता के दो पावर प्लांट किए जा रहे तैयार: गोड्डा में अदाणी कंपनी की ओर से 800 मेगावाट क्षमता के दो पावर प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। कंपनी ने यहां से 2022 में बिजली उत्पादन शुरू करने के लिए युद्ध स्तर से पर काम शुरू किया है। अदाणी दंपती इसी का जायजा लेने के लिए पहुंचा था। भारत सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय करार के अनुसार, गोड्डा पावर प्लांट से उत्पादित बिजली की आपूर्ति बांग्लादेश को की जाएगी, जबकि कुल उत्पादित बिजली का 25 फीसद कंपनी एनटीपीसी से खरीद कर राज्य सरकार को देगी।
गौतम अदाणी बोले, रिकाॅर्ड समय पर तैयार होगा पावर प्लांट: मोतिया में पावर प्लांट के निरीक्षण के बाद कंपनी के सीइओ गौतम अदाणी ने कार्य की प्रगति पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि पावर प्लांट रिकाॅर्ड समय पर बन कर तैयार होगा। निर्धारित समय में यहां से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले अदाणी दंपती का चॉपर रविवार को सुबह 10:30 बजे सिकटिया स्थित बानाघुट्ट मैदान पर उतरा। वहां स्वागत के लिए कंपनी के अधिकारी नरेश गोयल सहित पूरी टीम लगी हुई थी। अदाणी दंपती दुर्गापुर से यहां चॉपर से आए और करीब तीन घंटे बाद लौट गए।
एक समय में जमीन का अधिग्रहण भी थी बड़ी चुनौती, आज काम लगभग पूरा: अदाणी जिस पावर प्लांट को देखने पहुंचे थे, एक समय में उसके लिए जमीन अधिग्रहण भी बड़ी चुनौती थी। जिले में एसपीटी एक्ट के कारण जमीन मिल पाना आसान नहीं था और मुआवजा राशि समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव अपने समर्थकों के साथ खुलकर इसका विरोध कर रहे थे। बाद में स्थानीय लोगों ने क्षेत्र के विकास के लिए अपनी जमीनें दीं और आज कंपनी लगभग बनकर तैयार है।
करार के तहत मिलनेवाली बिजली से पूरे संताल की जरूरत हो सकती है पूरी: 1600 मेगावाट के इस पावर प्लांट के बदले अदाणी ने जितनी बिजली राज्य को देने का करार किया है, देखा जाए तो उससे पूरे संताल की जरूरत पूरी हो सकती है। वर्तमान में संताल परगना के सभी छह जिलों को मिलाकर लगभग 430 से 440 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन इतनी आपूर्ति हो नहीं पाती। वहीं अदाणी ने सरकार के साथ राज्य को 400 मेगावाट बिजली देने का करार किया है। मालूम हो कि अभी साहिबगंज में 75 मेगावाट, पाकुड़ में 70 मेगावाट, दुमका में 65 मेगावाट, जामताड़ा में 55 मेगावाट, गोड्डा में 65 मेगावाट और देवघर में 100-110 मेगावाट बिजली की जरूरत है।