ऑफलाइन प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र पर लगेगा जुर्माना
शशिभूषण धनबाद धनबाद निवासी राकेश कुमार सिंह ने अपनी गाड़ी का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र
शशिभूषण, धनबाद : धनबाद निवासी राकेश कुमार सिंह ने अपनी गाड़ी का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र तीन सितंबर को लिया था। फिर वे पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान गए। लौटते वक्त आसनसोल के पास वाहन चेकिग अभियान में उनके वाहन जेएच 01 टी-3517 का दस्तावेज चेक किया गया। सभी कागजात दुरुस्त थे, मगर मामला प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र पर फंस गया। जैसे ही पुलिस ने मोबाइल पर चेक किया गया तो इनके प्रमाणपत्र की जानकारी नहीं मिली। राकेश ने प्रमाणपत्र दिखाया। उसमें वाहन के नंबर प्लेट का फोटो भी था, लेकिन पुलिस उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थी। आखिरकार उन्हें जुर्माना देकर धनबाद लौटना पड़ा। यहां आकर चिरकुंडा पीयूसी सेटर में हंगामा किया। यही से उनका प्रमाणपत्र बना था। किसी तरह मामला शांत हुआ।
राकेश सिंह महज एक बानगी हैं। काफी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनके लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र परेशानी का सबब बन गया है। इसे विभागीय अधिकारी ही सही नहीं मान रहे हैं। वाहन मालिकों को जुर्माना देना पड़ रहा है।
दरअसल, अब प्रमाणपत्र अब ऑनलाइन जारी करना है। इस बाबत सरकार ने आदेश कर दिया है। 31 अगस्त के बाद बने ऑफलाइन प्रमाणपत्रों पर पाबंदी लगा दी गई है। बावजूद इसके कई केंद्र ऑफलाइन ही निर्गत कर रहे हैं। ऐसी कई शिकायतें मुख्यालय तक पहुंची। वहां से आदेश के बाद परिवहन विभाग रेस हो गया। ऑफलाइन सर्टिफिकेट जारी करने के चक्कर में कई प्रदूषण जांच केंद्र कार्रवाई के दायरे में आ गए तो कुछ ने चेकिग के डर से केंद्र को बंद कर दिया।
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क्या है आदेश, एक हजार तक अर्थदंड
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण नियंत्रण जांच केंद्र जरूरी है। मोटरयान अधिनियम (संशोधित) 2019 के तहत एक हजार रुपये के जुर्माना का प्रावधान है। धनबाद जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 140 पेट्रोल पंप है। इनमें 80 फीसद पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र है। प्रमाणपत्र ऑनलाइन होने से इसकी पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी।
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छह माह बढ़ गई वैद्यता
ऑनलाइन वाहन का प्रदूषण प्रमाणपत्र से वाहन मालिकों को फायदा होगा। हालांकि बाइक को छोड़कर एलएमवी व एचएमवी के प्रमाणपत्र के शुल्क में बढ़ोत्तरी की गई है। ऑनलाइन प्रमाणपत्र की वैद्यता एक वर्ष होगी। पहले छह माह थी। ऑनलाइन प्रमाणपत्र वाहन फोर सॉफ्टवेयर में दर्ज रहता है।
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शुल्क में बढ़ोत्तरी
- मोटरसाइकिल -50 रुपये
- एलएमवी - 120 रुपये
- एचएमवी - 300 रुपये
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प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र ऑनलाइन बनाना है। शिकायत के बाद जांच की गई थी। कई पीयूसी सेंटर को हिदायत दी गई। ऑनलाइन होने तक बंद करा दिया गया है। कई सेंटर चोरी-चुपके ऑफलाइन सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं। पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल करीब 30 केंद्रों में ऑनलाइन काम शुरू हो गया है।
ओमप्रकाश यादव, जिला परिवहन पदाधिकारी
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पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र के ऑनलाइन के लिए रांची में आवेदन जमा किया गया है। अभी तक आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ। पेट्रोल पंपों की संख्या काफी अधिक है। आवेदन स्वीकृत नहीं होने के कारण वाहन मालिकों को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं मिल पा रहा है। परिवहन विभाग से आग्रह है कि इसके लिए पहल करे।
संजीव राणा, महासचिव, झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन