वासेपुर से पकड़े गए तीन रोहिंग्या खुद को बता रहे रिफ्यूजी, पुलिस को यूएनएचसीआर का दिखाया कार्ड Dhanbad News
पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वे लोग हैदराबाद में 25-30 वर्षों से रह रहे हैं। धार्मिक प्रचार के लिए झारखंड आए थे। इसी बीच लॉकडाउन होने पर उन्हें जामा मस्जिद में रुकना पड़ा।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद के वासेपुर के समीप पुराना बाजार जामा मस्जिद से बैंक मोड़ थाना की पुलिस ने जिन तीन रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ा था, वे रिफ्यूजी हैं। उनके नाम अमानुल्लाह, मो. मुस्सा, हाफीजउर रहमान हैं। उनके पास से पुलिस ने तीन आइकार्ड बरामद किए, वीजा या पासपोर्ट नहीं मिला।
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस ने तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों की तलाश शुरू की थी। इसी सिलसिले में धनबाद पुलिस ने वासेपुर के नजदीक पुराना बाजार की मस्जिद से तीन रोहिंग्या को पकड़ा था। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। फिलहाल, तीनों को क्वारंटाइन पर रखा गया है। पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वे लोग हैदराबाद में 25-30 वर्षों से रह रहे हैं। धार्मिक प्रचार के लिए झारखंड आए थे। इसी बीच लॉकडाउन होने पर उन्हें जामा मस्जिद में रुकना पड़ा। उनकी क्वारंटाइन अवधि गुरुवार को समाप्त होगी। तीनों के पास जो आइ कार्ड मिले हैं वे यूएनएचसीआर रिफ्यूजी एजेंसी के नाम से बने हुए हैं। दो संदिग्धों के आइकार्ड की समाप्ति तिथि वर्ष 2021 है जबकि एक का वर्ष 2022 तक का है।
पुलिस के अनुसार यूएनएचसीआर शरणार्थियों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है, जो विस्थापित समुदायों व राज्यविहीन लोगों की सुरक्षा करती है। कार्ड में उल्लेखित है कि भारत में प्रवास के दौरान कार्डधारक को राष्ट्रीय कानून का सम्मान करना है। तीनों ने अपना पता, बसंत विहार, नई दिल्ली बताया था। बैंकमोड़ पुलिस ने बताया कि 30 मार्च को भी तीनों की जांच करायी गई थी। उसके बाद क्वांरटाइन में भेज दिया गया था।