लॉकडाउन से पहले छुट्टी पर गए रेल कर्मियों को सता रहा डर, यूनियन ने की अधिकारियों से पहल की अपील Dhanbad News
लॉकडाउन के कारण धनबाद रेल मंडल के एक हजार से ज्यादा कर्मचारी बिहार समेत दूसरी राज्यों में फंसे हैं। इनमें चालक और गार्ड समेत अलग-अलग विभागों के कर्मचारी हैं।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर हुए 21 दिनों के लॉकडाउन में देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग फंसे हैं। इनमें रेलवे के कर्मचारी भी हैं। धनबाद रेल मंडल के एक हजार से ज्यादा कर्मचारी बिहार समेत दूसरी जगहों पर अटक गए हैं। इनमें चालक और गार्ड समेत अलग-अलग विभागों के कर्मचारी हैं।
दरअसल होली के दौरान रेल कर्मचारियों को छुट्टियां नहीं मिली थी। लिहाजा रेल कर्मचारी होली के बाद छुट्टियां लेकर अपने गांव गए थे। वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने एकाएक लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इससे वे वहीं फंस गए।
छुट्टियों पर चल रही कैंची : लॉकडाउन में बिहार समेत अलग-अलग जगहों पर फंसे रेल कर्मचारी इसे लेकर चिंतित हैं कि लॉकडाउन के कारण उनकी छुट्टियों पर लगातार कैसी चल रही है। ऐसे में उन्हें दोबारा गांव या कहीं और जाने की छुट्टी नहीं मिल सकेगी।
- रेलवे के गार्ड आरके सिंह अपने गांव हरनौत गए थे। पत्नी और बच्चों को लाने के लिए 22 मार्च तक की छुट्टी ली थी। इसके बाद लॉकडाउन में फंस गए। अब गांव में उनका दिन कट रहा है।
- धनबाद के रेल चालक सुबोध सिंह छुट्टी लेकर समस्तीपुर गए थे। उन्हें क्या पता था कि लौटने से पहले लॉक डाउन में फंस जाएंगे। मौजूदा परिस्थितियों से उन्होंने स्टेशन प्रबंधक को अवगत करा दिया है।
14 अप्रैल तक विशेष छुट्टी लागू हुई तो अगले महीने वेतन पर संकट
रेल कर्मचारियों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान बाहर फंसे कर्मियों को 14 अप्रैल तक विशेष छुट्टी की घोषणा हुई है। अगर यह लागू हुआ तो उन्हें राहत मिल जाएगी। पर धनबाद को अब तक इससे जुड़ा आदेश नहीं मिला है। गुरुवार को इसका आखरी दिन है और अगर आदेश जारी नहीं हुआ तो अगले महीने इन कर्मचारियों के वेतन पर संकट आ जाएगा। इस मामले में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के अपर महामंत्री डीके पांडेय ने मुख्यालय और मंडल के अधिकारियों से पहल करने का आग्रह किया है।