Move to Jagran APP

Dhanbad Weekly News Roundup: सुधारने का ठेका लिए हैं का... पढ़ें-शिक्षा विभाग की उलटबांसी

जिंदगी का मजा तो खट्टे में है। नगर निगम के कर्मचारी ने इसे बहुत गंभीरता से ले लिया है। दूसरों को परेशान कर खुद मौज ले रहे। जब से निगम ने यूजर चार्ज लेना शुरू किया इनकी तो बल्ले-बल्ले है। लाल स्कूटी से चलते हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 08:58 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 09:07 AM (IST)
Dhanbad Weekly News Roundup: सुधारने का ठेका लिए हैं का... पढ़ें-शिक्षा विभाग की उलटबांसी
जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय धनबाद ( फाइल फोटो)।

आशीष सिंह, धनबाद। पैसा बोलता है। जगाए रखता है। फिर क्या पांच और क्या नौ। इसके बाद तो इस रात की सुबह नहीं। इन दिनों शिक्षा विभाग में देर शाम तक जल रही लाइट भैंस की तरह जुगाली कर रही है। पहले पांच के बाद कोई दिखता नहीं था। अब रात नौ बजे तक डटे हैं। कुछ शिक्षक नेता इसकी तह में गए। पता चला कि 2200 शिक्षकों की सेवा संपुष्टि हो रही है। इसके बाद ही वेतन मिलेगा। बड़े बाबू फाइल पर हस्ताक्षर करवा रहे हैं। बदले में तीन से पांच हजार रुपये का वारा-न्यारा हो रहा है। साहब का भी कट फिक्स है। शिक्षक नेता नंद किशोर से रहा नहीं गया। साहब को वाट््सएप पर कहानी कह डाली। अरे गजब, साहब बोले- सबको सुधारने का ठेका ले लिए हैं का। नेता जी बोले- जी सर, प्रयास तो करते हैं, पर सुधरना तो उनको ही है।

loksabha election banner

गांव में का बा

गांव में का बा। अब कुछ नहीं। तालाब पर घर बनाए जा चुके हैं। चारागाह पर कालोनियां खड़ी हैं। खेलने के मैदान नहीं हैं। गांव अब पहले जैसा नहीं रहा। इन मामलों में शहर अच्छा है। कम से कम टहलने के लिए पार्क है, खेलने के लिए स्टेडियम है। गांवों में अब घर-घर बीपी, शुगर के मरीज मिल जाएंगे। शादी-विवाह के मौके पर भी सब मिलकर काम नहीं करते। टाई वाले मजदूर बुलाए जाते हैं। पंगत नहीं बैठती। सब खड़े होकर ही डिनर का आनंद लेते हैं। प्लेट में खाते हैं। अब कोई यह नहीं कहता- दो पूड़ी, एक गुलाबजामुन और। बैठकी भी नहीं होती। वाट््सएप से बात करते हैं। सेल्फी का दौर चलता है। बच्चे टायर, रिंग नहीं चलाते। कोई महुआ बीनने नहीं जाता। गिल्ली डंडा नहीं खेला जाता। चोर पुलिस, आइसपाइस नहीं होता। बच्चे मोबाइल पर लकड़ी की काठी सुनते हैं। सूरत बदल गई।

जिंदगी का मजा खट्टे में

जिंदगी का मजा तो खट्टे में है। नगर निगम के कर्मचारी ने इसे बहुत गंभीरता से ले लिया है। दूसरों को परेशान कर खुद मौज ले रहे। जब से निगम ने यूजर चार्ज लेना शुरू किया इनकी तो बल्ले-बल्ले है। लाल स्कूटी से चलते हैं। आए दिन रणधीर वर्मा चौक पर पहुंच जाते हैं। यहां एक गोलगप्पे वाले भाई साहब हैं। इनके ठेले पर गोलगप्पे खाते हैं। कभी-कभी चाउमिन का भी लुत्फ उठा लेते हैं। जब ठेले वाला पैसा मांगता है तो रौब झाडऩे लगते हैं। पैसा मांगने पर यूजर चार्ज की पर्ची दिखाने को कहते हैं। कभी-कभी तो सोमरस का सेवन कर धौंस जमाते हैं। बेचारा ठेले वाला भी हाथ जोड़ लेता है। आए दिन ऐसा हो रहा है। दो दिन पहले फिर से ठेले पर आ धमके। पैसा मांगने पर बोले-जिंदगी का मजा खट्टे में है। तुम्हारी जिंदगी भी खट्टी कर देंगे।

मच्छरों की पौ बारह

इस बार मच्छर नहीं भागा। कुछ दिन तो निगम की गाड़ी मच्छरों के पीछे भागती रही। अब ठंडी पड़ गई है। छोटी-बड़ी सभी गाडिय़ां कांपेक्टर स्टेशन की शोभा बन चुकी हैं। किसी भी गली-मोहल्ले में फागिंग नहीं दिखती, मच्छर जरूर दिख जाते हैं। ये ढीठ भी हो गए हैं। घरों में उत्पात मचाए हैं। मच्छर मारने वाला लिक्विड भी उनको सुला नहीं पा रहा है। कहीं इन पर भी कोरोना का असर तो नहीं हो गया? इनके लिए कौन सी वैक्सीन तलाशी जाए? अब तो फागिंग भी बंद है। सो उनकी पौ बारह हो गई है। बारिश के कारण गड्ढे भरे हुए हैं। सो गंदे में फुल मस्ती है। ऐसा नहीं कि निगम के पास दवा खत्म हो चुकी है, मगर वह अभी नालियों की सफाई में व्यस्त है। कोरोना उत्पात मचा चुका है। इसलिए साफ-सफाई का विशेष निर्देश है। पहले बड़े दुश्मन से निपटना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.