यहां रावण की दहशत इसलिए 'रहीम' करते वध, अबकी दशहरा पर भी कायम रही परंपरा Dhanbad News
ऐसा अंधविश्वास है कि जो रावण का वध करेगा उसका पतन शुरू हो जाएगा। इस कारण दशहरा के मौके पर भूली में रावण दहन करने के लिए कोई सामने नहीं आता है।
धनबाद, जेएनएन। बीसीसीएल कॉलोनी भूली में रावण को लेकर वर्षों से एक अंधविश्वास कायम है। इस कारण कोई भी हिंदू सदस्य रावण को दहन करने के लिए आगे नहीं आता है। यहां दशहरा पर रावण के पुतले को आकार भी मुस्लिम देते हैं और उसका वध भी उन्हीं के हाथों हाता है। इसकी वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
जी हां, सुनने में भले ही अटपटा लगता हो पर यहां रावण की दहशत आज भी कायम है। तभी तो न कोई राजनेता और न ही कोई अफसर रावण के पुतले पर वाण चलाने की हिम्मत करते हैं। उनका मानना है कि जैसे ही रावण का वध किया, उनके पतन के दिन शुरू हो जाएंगे। दशहरा के मौके पर मंगलवार की शाम भी ऐसा ही हुआ। थानेदार से लेकर पार्षद प्रतिनिधि तक रावण दहन के कार्यक्रम में मौजूद रहे। पर रावण पर वाण भूली के मो. जफर ने चलाया। रावण के पुतले की नाभि पर वाण लगते ही चिंगारियां निकलने लगी और देखते ही देखते ही बुराई के प्रतीक का अंत हो गया।
हजारों की उमड़ी भीड़ः यहां श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति बी ब्लॉक की ओर से रावण दहन का आयोजन किया गया। 60 फीस ऊंचे राणव के पुतले का निर्माण किया गया था। इसदा दहन देखने के लिए भूली समेत आसपास के क्षेत्र से हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। पूजा कमिटी की ओर से जमकर आतिशबाजी भी की गई।