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Dhanbad Municipal Corporation: हेमंत सरकार में लटका मटकुरिया-आरा मोड़ फ्लाईओवर का टेंडर; मेयर ने सीएम-पूर्व सीएम को किया ट्वीट

एक ओर हेमंत सोरेन सरकार आठ लेन सड़क को धनबाद के लिए उपयोगी नहीं बता कर फ्लाईओवर बनाने की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर मटकुरिया फ्लाईओवर पर चुप्पी साधे बैठी है।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 01:00 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 01:00 PM (IST)
Dhanbad Municipal Corporation: हेमंत सरकार में लटका मटकुरिया-आरा मोड़ फ्लाईओवर का टेंडर; मेयर ने सीएम-पूर्व सीएम को किया ट्वीट

धनबाद, जेएनएन। धनबाद नगर निगम (Dhanbad Municipal Corporation) के निवर्तमान मेयर मेयर चंद्र शेखर अग्रवाल  (Shekhar Agrwa l) ने शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए मटकुरिया-आरा मोड़ फ्लाईओवर का टेंडर ( Matkuria -Ara more Flyover Tender) करवाने के लिए भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को पत्र लिखा है। झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से ही टेंडर का काम लटका हुआ है। अग्रवाल ने लिखा है कि मटकुरिया से वासेपुर आरा मोड़ तक बनने वाले फ्लाईओवर पर हेमंत सरकार बनने के बाद से अबतक कोई करवाई नहीं की। जबकि पिछली सरकार ने धनबादवासियों की 20 वर्ष पुरानी मांग को पूरा करते हुए टेंडर निकाला। निवेदन हैं कि तकनीकी खामियां को दूर करके अविलंब इसका निविदा कर सरकार इसको धरातल पर उतारे। बाबूलाल मरांडी को पत्र लिखने के साथ ही मेयर ने इस बात का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट भी किया है।

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मेयर ने अपने पत्र में लिखा है कि तकनीकी कारणों से टेंडर फाइनल नहीं हो पाया। नई सरकार में इस योजना के शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार गठन के छह माह भी फ्लाईओवर का टेंडर लटका कर रखा गया है। एक ओर सरकार आठ लेन सड़क को धनबाद के लिए उपयोगी नहीं बता कर फ्लाईओवर बनाने की बात करती है, तो वहीं दूसरी ओर टेंडर प्रक्रिया में जाने के बावजूद मटकुरिया फ्लाईओवर पर चुप्पी साधे बैठी है। जिस फ्लाईओवर का टेंडर पिछले सात माह से अटका हुआ है, उसकी राशि भी राज्य सरकार को नहीं देनी है। डीएमएफटी फंड से इसका भुगतान करना है। यहां तक कि इसकी जमीन का अधिग्रहण भी 1985 में राज सरकार द्वारा किया जा चुका है। साढे तीन किलोमीटर के फ्लाईओवर को बनाने में 126 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

धनबाद में एकमात्र बैंक मोड़ फ्लाईओवर का निर्माण 20 अगस्त 1972 को हुआ था। इसके बाद से हर साल दो लाख से अधिक वाहन धनबाद की सड़कों पर बढ़ते जा रहे हैं। आज धनबाद के लिए सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम बन गई है। फ्लाईओवर को मंजूरी मिलने से जाम की समस्या से राहत की उम्मीद जगी थी, लेकिन सरकार की शिथिलता को देखते हुए लगता है कि धनबाद को अभी जाम से मुक्ति नहीं मिलेगी। मटकुरिया फ्लाईओवर बनते ही धनबाद में लगभग हर दिन सात हजार कोयला ट्रक प्रवेश नहीं करेंगे। इससे जाम भी कम होगा और दुर्घटना भी।


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