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दहीबाड़ी परियोजना विस्तार को ले बीसीसीएल ने शिव मंदिर गिराया, आक्रोश

मंदिर में भगवान शिव श्री राम सीता हनुमान आदि देवी -देवताओं की मूर्तियां थीं। मंदिर ध्वस्त किए जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 07:55 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 07:55 PM (IST)
दहीबाड़ी परियोजना विस्तार को ले बीसीसीएल ने शिव मंदिर गिराया, आक्रोश

संस, पंचेत : बीसीसीएल सीवी एरिया में दहीबाड़ी परियोजना विस्तार को लेकर प्रबंधन ने शिव मंदिर को तोड़ दिया। मंदिर में भगवान शिव, श्री राम, सीता, हनुमान आदि देवी -देवताओं की मूर्तियां थीं। मंदिर ध्वस्त किए जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

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जानकारी के अनुसार दहीबाड़ी के करीब सात दशक पुराना शिव मंदिर है। परियोजना विस्तार में यह मंदिर बाधक बना हुआ था। आचार संहिता के मद्देनजर विरोध नहीं होने की संभावना देख प्रबंधन ने मंदिर के पुजारी उमेश पांडेय को बुलाकर मूर्तियां हटाने को कहा। पुजारी ने कहा कि मैं भगवान महादेव को नहीं हटा सकता। उसके बाद पंडित जी लौट गए।

इधर, पंडित जी के लौटने के बाद एजीएम एमएस दूत ने डोजर ऑपरेटर को मंदिर ध्वस्त करने का आदेश दिया। ऑपरेटर ने इन्कार कर दिया। उसमे बाद एजीएम ने मंदिर में स्थापित भगवान शिव, पार्वती, राम, सीता, हनुमान और गणेश की प्रतिमा विराजित रहने के बावजूद खुद डोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर ध्वस्त करने के पहले भगवान को विधि-विधान से सम्मानपूर्वक कहीं पदस्थापित या विसर्जित करना चाहिए था। यह हिंदू समाज के लिए अपमान की बात है। ग्रामीण निवास महतो, सूर्यदेव राय, श्याम पदों कुंभकार, सागर धीवर, शांतनु कुंभकार, कार्तिक राय, बामा पदों, गंगाधर राय, रामदेव राय, गोविद कुंभकार, प्राण राय का कहना है कि इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।

एजीएम एमएस दूत ने मंदिर तोड़े जाने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि प्रबंधन ने दूसरा मंदिर बना दिया गया है। मूर्तियां थीं या नहीं वे नहीं जानते। यह पूछे जाने पर कि उनके इस कदम से हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं, उन्होंने कहा कि जो होना था हो गया अब क्या करें।

इधर, विश्व हिदू परिषद के जिला अध्यक्ष निलय गाढ्यान का कहना है कि प्रबंधन ने हिंदू धर्म के लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया है। प्रमोशन पाने के लिए भगवान को भी नहीं बक्शा गया। इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।


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