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औषधीय पौधों के महत्व को आप कितना जानते हैं ? तरंग में आपका ज्ञान बढ़ाएगी आरोग्य भारती

कोरोना काल में आयुर्वेदिक औषधियों मसलन सदाबहार तुलसी गिलोय इत्यादि ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में रामबाण के रूप में परिलक्षित हुई हैं। जन सामान्य का ध्यान भी आयुर्वेद की तरफ बढ़ा है। अब कोरोना की तीसरी लहर सक्रिय है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 07:32 PM (IST)
औषधीय पौधों का परिचय ( प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। आजादी की 75वीं वर्षगांठ देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। धनबाद में भी इसकी तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। हर कोई अपने तरीके से इसे मना रहा है। अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आरोग्य भारती धनबाद महानगर की ओर से ऑनलाइन तरंग संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 13 जनवरी को किया जाएगा। कोविड के बढ़ते असर को देखते हुए यह आयोजन 13 को शाम छह बजे से गूगल मीट एप के माध्यम से किया जाएगा। इसकी विशेषता यह है कि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राकेश पंडित औषधीय पौधों का महत्व बताएंगे। इसमें कोरोना काल एवं औषधीय पौधों का महत्व विषय पर विशेष तौर पर चर्चा होगी।

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कोरोना काल में औषधीय पौधों की सामने आई महता

आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राकेश पंडित एवं धनबाद साई अस्पताल के निदेशक डॉ विकास रमन आयुर्वेद के महत्व एवं इसके उपयोग पर विस्तृत चर्चा करेंगे। आरोग्य भारती धनबाद महानगर के सचिव सत्यम राय ने बताया कि पूरे कोरोना काल में आयुर्वेदिक औषधियों मसलन सदाबहार, तुलसी, गिलोय इत्यादि ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में रामबाण के रूप में परिलक्षित हुई हैं। जन सामान्य का ध्यान भी आयुर्वेद की तरफ बढ़ा है। अब जब फिर कोरोना की तीसरी लहर के तौर पर सक्रिय हो रहा है तो हमें अपने घर एवं पड़ोस में सहजता से प्राप्त होने वाले आयुर्वेदिक पौधों के प्रयोग से अपना एवं समाज का कल्याण व जनजागरण करना होगा। ऐसा करने पर ही हम वैश्विक महामारी को हरा सकेंगे।

झारखंड के आयुर्वेद के विशषज्ञ लेंगे भाग

इसी क्रम में आरोग्य भारती धनबाद महानगर की ओर से आयोजित इस तरंग संगोष्ठी में धनबाद जिला सहित झारखंड प्रांत के अनेक आयुर्वेद के विद्वान एवं आरोग्य भारती पदाधिकारी शामिल होंगे। सत्यम ने बताया कि संगोष्ठी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास किया जाएगा। इसमें शामिल होने वाले अतिथियों से यह भी कहा जाएगा कि अपने आसपास आयुर्वेद को प्रचारित करें।


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