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जानें-स्विस बैंक में भारतीयों के काला धन पर स्विट्जरलैंड के नागरिक क्या सोचते

गंगा इस धरती की अलौकिक शोभा है। इससे अभिभूत स्विट्जरलैंड के मारियो व जॉली भी हैं जो गंगा दर्शन को खींचे चले आते हैं। तीसरी बार दोनों भारत यात्रा पर हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 09:01 AM (IST)
जानें-स्विस बैंक में भारतीयों के काला धन पर स्विट्जरलैंड के नागरिक क्या सोचते

साहिबगंज [ डॉ. प्रणेश]। भारतीय राजनीति का एक स्थायी मुद्दा है स्विस बैंक में भारतीयों का जमा काला धन। हर कोई जानना चाहता है कि स्विस बैंक में भारत का कितना काला धन जमा है ? काैन-काैन प्रमुख हस्तियों ने काला धन जमा कर रखा है ? यह सवाल जब स्विट्जरलैंड के पूर्व बैंककर्मी मारियो व जॉली से पूछा गया तो दोनों मुस्कुरा कर रह गए। स्विस बैंक में काला धन पर बोलने के बजाय मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी गंगा की तारीफ में कसीदे पढ़े। 

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तीसरी बार भारत दर्शन पर मारियो और जॉली

गंगा इस धरती की अलौकिक शोभा है। इससे अभिभूत स्विट्जरलैंड के मारियो व जॉली भी हैं, जो गंगा दर्शन को खींचे चले आते हैैं। अबतक तीन बार गंगा दर्शन को भारत पहुंच चुके दोनों भाई-बहन ने इस बार अपनी यात्रा नौ जनवरी को हावड़ा से शुरू की थी। इस दौरान पश्चिम बंगाल के मायापुर, फरक्का होते हुए साहिबगंज पहुंचे। उनकी यात्रा नौ अप्रैल को गंगोत्री में खत्म होगी।

मछुवारों ने की मेहमाननवाजी 

साहिबगंज पहुंचे विदेशी मेहमानों ने तीन दिन तक यहां रहकर दियारा इलाके का भ्रमण किया। उन्होंने नाव व स्टीमर की सवारी करते हुए मछुआरों से भी मुलाकात की। बिजली घाट पहुंची जॉली जब यहां की महिलाओं को सिंदूर लगाते देखा तो अपने को रोक नहीं पाईं और महिलाओं से अपनी मांग में सिंदूर लगाने को कहा। महिलाओं ने उनके माथे पर सिंदूर लगा कर स्वागत किया गया। मेहमाननवाजी से अभिभूत दोनों विदेशी बुधवार को मालदा इंटरसिटी से जमालपुर के लिए रवाना हो गए जहां से मुंगेर जाएंगे। वहां से पटना, बनारस होते हुए गंगोत्री पहुंचेंगे।

कौन हैं मारियो व जॉली

मारियो 61 व जॉली 58 की हैं। दोनों पहले स्वीस बैंक बेस्ड स्टॉक एक्सचेंज, जिनेवा में कार्यरत थे। सुकून की चाह में नौ साल पहले दोनों ने नौकरी छोड़ दी और जिनेवा में ही रेस्टोरेंट खोला। सुकून और भारतीय सभ्यता-संस्कृति से जुड़ाव ऐसा कि नौकरी छोडऩे के बाद पहली बार 2012 में भारत आ पहुंचे। इसके बाद यहां से ऐसे जुड़े कि जाते-जाते दूसरी बार आने का मन बना गए। वर्ष  2015 में दोनों फिर यहां पहुंचे। वर्ष 2020 में आए ये विदेशी मेहमान गंगा की अविरल धारा देख सम्मोहित हो गए। इस बार वे गांवों में घूम-घूम कर गंगा और उसके महत्व को समझ रहे हैैं। इस दौरान दोनों ने गंगा में पवित्र स्नान किया।

साहिबगंज स्टेशन पर लोगों के साथ खिंचवाई तस्वीर 

बुधवार को ट्रेन पकडऩे साहिबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचे भाई-बहन को देख भीड़ इकट्ठा हो गई। कई लोगों ने उनके साथ तस्वीर भी खिंचवाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत अद्वितीय है। यहां के लोग काफी दयालु हैं। वे किसी की भी मदद करने को हमेशा तैयार रहते हैं। यहां की संस्कृति काफी समृद्ध है। यहां के खान-पान के हम मुरीद हो गए। मेहनती और भरोसेमंद इस देश का कोई सानी नहीं है। स्वीस बैंक में भारतीयों के काला धन के सवाल पर दोनों मुस्कुराए। कहा-God knows. 


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